ऋषिकेश। अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने की मांग एक बार फिर उसी स्थान से बुलंद हुई, जहां उसके साथ अन्याय हुआ था। मूल निवास भू–कानून संघर्ष समिति की अगुवाई में बड़ी संख्या में लोग,खासतौर पर महिलाएं आज ऋषिकेश पहुंचे और वन्तारा रिज़ॉर्ट तक शांतिपूर्ण मार्च किया, जहां अंकिता भंडारी हत्याकांड हुआ था। प्रदर्शन के दौरान माहौल तनावपूर्ण रहा। संभावित कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने अनुशासन बनाए रखा और हाथों में तख्तियां लेकर अंकिता को न्याय दो, बेटियों की सुरक्षा हमारा अधिकार जैसे नारे लगाए।
प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि यह लड़ाई सिर्फ अंकिता के परिवार तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज की हर बेटी की सुरक्षा, सम्मान और न्याय से जुड़ा सवाल है। महिलाओं की मौजूदगी ने इस आंदोलन को और मजबूती दी। वक्ताओं ने कहा कि जब तक दोषियों को सख्त सजा नहीं मिलती और व्यवस्था में जवाबदेही तय नहीं होती, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। मूल निवास भू–कानून संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि बड़े रसूखदारों के प्रभाव में मामलों को दबाने की कोशिशें होती हैं। उन्होंने मांग की कि मामले की निष्पक्ष और समयबद्ध न्यायिक प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए, साथ ही महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े कानूनों को कड़ाई से लागू किया जाए।
प्रदर्शन स्थल पर मौजूद महिलाओं ने कहा कि आज भी बेटियां असुरक्षित महसूस कर रही हैं। ऐसे में अंकिता भंडारी मामला न्यायिक व्यवस्था की परीक्षा बन चुका है। यदि यहां न्याय नहीं हुआ, तो यह समाज के लिए खतरनाक संदेश होगा। स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखते हुए प्रदर्शनकारियों से संवाद बनाए रखा। अधिकारियों का कहना है कि कानून के दायरे में रहकर सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है और सुरक्षा में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।
निष्कर्ष:
न्याय की मांग फिर उसी जगह से गूंजी, जहां अन्याय हुआ था। यह प्रदर्शन सिर्फ एक घटना का विरोध नहीं, बल्कि बेटियों के सुरक्षित भविष्य के लिए सामूहिक चेतना का प्रतीक बनकर सामने आया है। अब निगाहें न्याय प्रक्रिया पर टिकी हैं—क्या अंकिता को वह न्याय मिलेगा, जिसकी मांग आज पूरा समाज कर रहा है?
अंकिता भंडारी हत्याकांड: न्याय की मांग लेकर ऋषिकेश में फिर गूंजा जनआक्रोश
