
भोपाल । जनजातीय कार्य विभाग, मध्यप्रदेश के अंशकालिक कर्मचारियों ने 10 माह से लंबित वेतन भुगतान को लेकर सरकार और विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वे 5 जून 2025 को भोपाल स्थित पर्यावास भवन के सामने ‘भीख मांगो आंदोलन’ करेंगे। यदि इसके बाद भी उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू करेंगे।
वेतन न मिलने से आर्थिक संकट
मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांताध्यक्ष अशोक पांडे द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि जनजातीय कार्य विभाग में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी और अंशकालिक कर्मचारी बीते 10 महीनों से वेतन से वंचित हैं। इससे उनके परिवारों में गंभीर आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने कई बार विभागीय अधिकारियों से वेतन भुगतान की मांग की, लेकिन उन्हें हर बार यह कहकर टाल दिया गया कि मुख्यालय से बजट आवंटन नहीं हुआ है।
जनजातीय कार्य विभाग पर उठे सवाल
कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश शासन का यह विभाग शायद राज्य का पहला विभाग बन गया है, जहां कर्मचारियों को इतने लंबे समय तक वेतन नहीं मिला है। कर्मचारियों ने यह भी कहा कि शासन और विभागीय अधिकारी उनकी समस्याओं को लगातार नजरअंदाज कर रहे हैं, जिससे उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।
5 जून को होगा प्रतीकात्मक विरोध
मंच ने निर्णय लिया है कि 5 जून को सभी प्रभावित कर्मचारी पर्यावास भवन, भोपाल में स्थित जनजातीय कार्य विभाग मुख्यालय के सामने एकत्र होकर प्रतीकात्मक रूप से भीख मांगेंगे। यह प्रदर्शन सरकार और प्रशासन को सार्वजनिक रूप से जागरूक करने की मुहिम का हिस्सा होगा। प्रदर्शनकारी यह बताना चाहते हैं कि बिना वेतन के जीना अब मानव गरिमा के खिलाफ हो चुका है।
अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी
प्रांताध्यक्ष अशोक पांडे ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर इस प्रतीकात्मक आंदोलन के बाद भी वेतन भुगतान नहीं हुआ, तो कर्मचारी मुख्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन शुरू करेंगे। उन्होंने सरकार से तत्काल बजट आवंटन कर वेतन भुगतान की मांग को प्राथमिकता पर हल करने की अपील की है।
निष्कर्ष
मध्यप्रदेश में अंशकालिक कर्मचारियों की दुर्दशा और उनके आंदोलन ने एक बार फिर राज्य की शासकीय तंत्र की संवेदनहीनता को उजागर किया है। यदि शासन ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया, तो यह मामला आने वाले दिनों में राजनीतिक और सामाजिक आक्रोश का बड़ा केंद्र बन सकता है।