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हिंदी पत्रकारिता दिवस पर एमसीयू में “विकल्प” और “स्पंदन” का विमोचन

भोपाल, मध्यप्रदेश । माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (एमसीयू) में हिंदी पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक विशेष संगोष्ठी के दौरान विभागीय पत्रिका विकल्प और पहली वीडियो मैगजीन स्पंदन का भव्य विमोचन किया गया। विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. विजय मनोहर तिवारी ने इन दोनों प्रकाशनों का लोकार्पण करते हुए पत्रकारिता की वर्तमान भूमिका पर प्रेरणादायक विचार रखे।

पत्रकारिता: केवल खबर नहीं, समाज निर्माण का माध्यम – कुलगुरु तिवारी

इस अवसर पर कुलगुरु प्रो. तिवारी ने कहा कि पत्रकारिता अब सिर्फ समाचारों के संप्रेषण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज निर्माण की दिशा में एक सक्रिय और प्रभावशाली माध्यम बन चुकी है। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें तकनीक, दृष्टिकोण और संवेदना – इन तीनों के बीच संतुलन बनाना होगा, ताकि वे बदलते मीडिया परिदृश्य में सार्थक भूमिका निभा सकें।

साहित्यिक अध्ययन से मजबूत होगी पत्रकारिता – डॉ. राखी तिवारी

पत्रकारिता विभाग की अध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी ने इस मौके पर कहा कि पत्रकारिता के विद्यार्थियों को भाषा पर गहरी पकड़ बनानी चाहिए और इसके लिए साहित्य का गंभीर अध्ययन आवश्यक है। संवाद और विमर्श के माध्यम से ही वे पत्रकारिता के गूढ़ पहलुओं को भलीभांति समझ सकेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि विकल्प पत्रिका पूरी तरह से विद्यार्थियों द्वारा संपादित व संयोजित की जाती है, जिससे उनमें पत्रकारिता के व्यावहारिक पक्ष का सशक्त विकास होता है।

विद्यार्थियों ने रखे पत्रकारिता के संकट और संभावनाओं पर विचार

इस संगोष्ठी की खास बात यह रही कि मंच के सभी वक्ता स्वयं पत्रकारिता के छात्र थे। उन्होंने न केवल पत्रकारिता की वर्तमान चुनौतियों पर खुलकर चर्चा की, बल्कि संभावनाओं और समाधानों की दिशा में भी विचार रखे।

छात्रा सृष्टि कुमारी ने कहा, “हिंदी पत्रकारिता को केवल ऐतिहासिक दस्तावेजों तक सीमित न रखकर हमें इसे बौद्धिक विमर्श का मजबूत मंच बनाना होगा।”

छात्र अभिराज मिश्रा ने कहा, “जब हमारे हाथों में कलम है तो यह बदलाव का सबसे बड़ा औजार है, और पत्रकारिता की सच्चाई ही इसकी आत्मा है।”

शिव भूषण त्रिपाठी ने हिंदी की सरलता और उसकी व्यापक स्वीकार्यता को इसकी सबसे बड़ी ताकत बताया। वहीं उद्यांश पांडेय और कार्तिकेय पांडेय ने भी पत्रकारिता की विश्वसनीयता, तकनीकी परिवर्तन और भाषाई संवेदना पर अपने विचार साझा किए।

विकल्प विशेषांक: हिंदी पत्रकारिता की दशा-दिशा पर केंद्रित

विकल्प पत्रिका का यह विशेषांक वरिष्ठ पत्रकारों के साक्षात्कारों और देश के प्रमुख हिंदी समाचार पत्रों के विकास पर आधारित है। यह विद्यार्थियों को न केवल पत्रकारिता के इतिहास से जोड़ता है, बल्कि उन्हें उसकी वर्तमान स्थिति और भविष्य की दिशा के बारे में भी सजग करता है।

कार्यक्रम का संचालन पत्रिका के संपादक नमन अटोलिया ने किया, जबकि आयोजन के मार्गदर्शक प्रो. शिवकुमार विवेक और विभागाध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी रहे।

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