वित्त विभाग के आदेश से डेढ़ लाख कर्मचारी अधिकारविहीन, 28 दिसंबर को भोपाल में बड़ा आंदोलन

भोपाल। मध्यप्रदेश में वित्त विभाग के एक ताज़ा आदेश ने सरकारी कर्मचारियों और श्रमिक वर्ग में भारी असंतोष पैदा कर दिया है। इस आदेश के चलते प्रदेश के करीब डेढ़ लाख स्थायी कर्मचारी, दैनिक वेतनभोगी, अंशकालीन कर्मचारी और श्रमिक अधिकारविहीन हो गए हैं। इसी के विरोध में मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के बैनर तले 28 दिसंबर 2025 को भोपाल के अंबेडकर जयंती मैदान, तुलसी नगर में विशाल आंदोलन किया जाएगा और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि सरकार ने चुपचाप मंत्री परिषद में निर्णय लेकर प्रदेश के स्थायी कर्मियों के पदों को संख्येत्तर घोषित कर दिया है। इससे स्थायी कर्मचारियों की स्थिति कमजोर हुई है और वे लगभग बंधुआ मजदूर जैसी अवस्था में पहुंच गए हैं। वहीं, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के पद समाप्त कर सरकार ने उन्हें पूरी तरह अधिकारविहीन कर दिया है।

अशोक पांडे के अनुसार, अंशकालीन कर्मचारियों के पद खत्म किए जाने से उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है, जबकि श्रमिकों के श्रम अधिकारों का खुला हनन किया गया है। वित्त विभाग के इस आदेश का सबसे ज्यादा असर छोटे संवर्ग के कर्मचारियों पर पड़ा है, जिन्हें न तो कोई सुरक्षा दी गई और न ही किसी प्रकार का लाभ। कर्मचारी मंच का कहना है कि इस फैसले से प्रदेशभर में डेढ़ लाख से अधिक कर्मचारी और श्रमिकों में गहरा रोष व्याप्त है। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने बिना संवाद और सहमति के यह फैसला लिया, जिससे उनकी आजीविका और सामाजिक सुरक्षा पर सीधा खतरा पैदा हो गया है।

कर्मचारी मंच ने चेतावनी दी है कि 28 दिसंबर 2025 को ध्यानाकर्षण आंदोलन के बावजूद यदि सरकार ने वित्त विभाग के आदेश को वापस नहीं लिया और कर्मचारियों के अधिकार बहाल नहीं किए, तो आगे चलकर उग्र आंदोलन किया जाएगा। इस आंदोलन से प्रदेश की प्रशासनिक और राजनीतिक हलचल तेज होने के आसार हैं।

Exit mobile version