
भोपाल। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) कार्यालय द्वारा लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार, भोपाल में क्लीनिक्स, नर्सिंग होम्स, पैथोलॉजी लैब्स और कलेक्शन सेंटर्स की त्वरित जांच का अभियान शुरू किया गया। सोमवार को 8 निरीक्षण दलों ने भोपाल के विभिन्न इलाकों में संचालित 18 क्लिनिक्स की सघन जांच की।
निरीक्षण के दौरान चिकित्सा व्यवसाय कर रहे व्यक्तियों की डिग्री, चिकित्सा पद्धति, काउंसिल पंजीकरण, मप्र उपचार्यगृह एवं रूज़ोपचार संबंधी स्थापना अधिनियम, जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम और गुमास्ता लाइसेंस की जांच की गई। अवैध रूप से चिकित्सा व्यवसाय में संलग्न व्यक्तियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के लिए पुलिस, नगर निगम, औषधि प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण मंडल को सूचित किया जा रहा है।
बागसेवनिया क्षेत्र में विकास क्लिनिक के नाम पर अशोक सिंह ठाकुर इलेक्ट्रो होम्योपैथी की डिग्री के साथ चिकित्सा व्यवसाय करते पाए गए। गौतम नगर में हरीश जैतवाल के पास बी फार्मा की डिग्री मिली। नीलबड़ क्षेत्र में विकास क्लिनिक के नाम पर प्रैक्टिस कर रहे अभिषेक सिंह द्वारा निरीक्षण दल को आवश्यक दस्तावेज नहीं दिखाए जा सके, जिसके चलते उनके क्लिनिक का संचालन आगामी आदेश तक बंद करने के निर्देश दिए गए।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने निजी चिकित्सा व्यवसायियों से अपील की है कि वे शासन द्वारा निर्धारित सभी अनुमतियां प्राप्त करने के बाद ही चिकित्सा व्यवसाय करें, अन्यथा उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। यह कार्यवाही निरंतर जारी रहेगी और इसमें जिला प्रशासन, नगर निगम, पुलिस और खाद्य एवं औषधि प्रशासन का सहयोग लिया जा रहा है।