भोपाल,। एम्स भोपाल (AIIMS Bhopal) में अंतर्राष्ट्रीय नर्स सप्ताह 2025 के उपलक्ष्य में आयोजित काव्यपाठ प्रतियोगिता के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की गूंज सुनाई दी। यह आयोजन एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में 5 से 12 मई तक चल रही नर्सिंग सप्ताह श्रृंखला का हिस्सा रहा, जिसमें शैक्षणिक, रचनात्मक और सामाजिक चेतना बढ़ाने वाली गतिविधियाँ शामिल हैं।
प्रतियोगिता का आयोजन नर्सिंग सेवा विभाग और नर्सिंग महाविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से किया गया, जिसमें नर्सिंग अधिकारी और विद्यार्थियों ने प्रकृति संरक्षण और पर्यावरण जागरूकता विषय पर अपनी कविताओं के माध्यम से भाग लिया। प्रतिभागियों की कविताओं ने प्रकृति की सुंदरता, संरक्षण की आवश्यकता और मानव संवेदनशीलता को मार्मिक एवं प्रेरणात्मक रूप में प्रस्तुत किया।
पर्यावरण जागरूकता और नर्सिंग शिक्षा का संगम
यह आयोजन न केवल नर्सिंग समुदाय के रचनात्मक कौशल को प्रदर्शित करने का मंच बना, बल्कि हरित भविष्य की दिशा में सामूहिक चेतना को जाग्रत करने की प्रेरणा भी बना। पर्यावरणीय संकट और प्राकृतिक संसाधनों के क्षरण पर आधारित इन कविताओं ने श्रोताओं को गहराई से प्रभावित किया।
निर्णायक मंडल और प्रेरणादायक संदेश
कार्यक्रम के निर्णायक मंडल में डॉ. अजय हलदर (प्रोफेसर, प्रसूति एवं स्त्री रोग), प्रो. (डॉ.) सुनीता अठावले (शरीर रचना विभाग), श्री ज्ञानेंद्र भूषण (प्रशासनिक अधिकारी) और श्री अखिल टी. (नर्सिंग अधीक्षक) शामिल थे। उन्होंने प्रतिभागियों की रचनात्मकता की सराहना की और उन्हें निरंतर साहित्यिक सक्रियता के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम के अंत में श्री वसीम अकरम ने सभी प्रतिभागियों, निर्णायकों और उपस्थितजनों का आभार व्यक्त किया। वहीं, प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “अंतर्राष्ट्रीय नर्स सप्ताह केवल उत्सव नहीं, बल्कि नर्सिंग पेशे के समर्पण और सेवा भाव की सार्वजनिक पहचान का अवसर है। इस प्रकार की प्रतियोगिताएँ नर्सिंग स्टाफ में सामाजिक चेतना, आत्म-अभिव्यक्ति और सृजनात्मक सोच को विकसित करती हैं।”
एम्स भोपाल में नर्स सप्ताह के दौरान हुई काव्यपाठ प्रतियोगिता: पर्यावरण संरक्षण की संवेदनशील आवाज बनीं नर्सिंग छात्राएं
