
भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (एमसीयू) में एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को भाजपा और संघ समर्थित शिक्षा के राजनीतिकरण के खिलाफ अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन और शिक्षकों पर शिक्षा संस्थानों को राजनीतिक विचारधाराओं का केंद्र बनाने का आरोप लगाया।
प्रदर्शन में मुख्य कदम
एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे के निर्देश पर कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अविनाश बाजपेई, कुलपति पद के आवेदक डॉ. आशीष जोशी और प्रॉडक्शन सहायक डॉ. परेश उपाध्याय की नेमप्लेट पर काला रंग लगाकर विरोध जताया।
एनएसयूआई नेताओं का बयान
रवि परमार (प्रदेश उपाध्यक्ष): “शिक्षा का राजनीतिकरण निंदनीय है। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अविनाश वाजपेई और प्रॉडक्शन सहायक डॉ. परेश उपाध्याय जैसे लोग संघ और भाजपा के एजेंडे का प्रचार कर रहे हैं। शिक्षण संस्थानों को राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया है।”
अमन पठान (प्रदेश सह सचिव): “सत्ता के दबाव में छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है। एनएसयूआई छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगी।”
तनय शर्मा (विवि प्रभारी): “हम शिक्षण संस्थानों को भाजपा के राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
अमन कुमार (विवि अध्यक्ष): “शिक्षा का भगवाकरण और राजनीतिकरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह छात्रों और शिक्षा की स्वतंत्रता पर हमला है।”
आरोप: शिक्षा का भगवाकरण
एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय के अधिकारी भाजपा और संघ के विचारों को बढ़ावा दे रहे हैं। डॉ. परेश उपाध्याय को एबीवीपी का गमछा पहने देखा गया, जो शिक्षा के राजनीतिकरण का स्पष्ट प्रमाण है।
विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य
एनएसयूआई ने प्रदर्शन के जरिए विश्वविद्यालय में पारदर्शिता, निष्पक्षता और छात्रों के अधिकारों की बहाली की मांग की।