एनएच-719 गोहद फोरलेन विवाद: पूर्व स्वीकृत बायपास योजना रद्द कर एलीवेटेड रोड का मनमाना निर्णय, जनप्रतिनिधियों और समाज ने उठाई आवाज

जनहित, प्राकृतिक न्याय और संवैधानिक सिद्धांतों के उल्लंघन पर तत्काल पुनर्विचार और बायपास पुनर्स्थापना की माँग
भोपाल। एनएच-719 (ग्वालियर–इटावा) फोरलेन परियोजना के अंतर्गत गोहद नगर में पूर्व स्वीकृत बायपास योजना को रद्द कर अचानक एलीवेटेड रोड बनाए जाने के निर्णय ने जनप्रतिनिधियों, संत समाज, व्यापारी वर्ग और स्थानीय नागरिकों में गहरा असंतोष उत्पन्न कर दिया है। समाजसेवियों ने इस निर्णय को लोकहित, प्राकृतिक न्याय और संविधान के अनुच्छेद 14 व 19 के उल्लंघन की संज्ञा दी है।
कानूनी उल्लंघन और प्रक्रिया की अनदेखी
विशेषज्ञों ने कहा कि यह निर्णय National Highways Act, 1956 की धारा 4(1) का उल्लंघन है, क्योंकि किसी भी राष्ट्रीय राजमार्ग के पुनः संरेखन या डिज़ाइन परिवर्तन से पहले सार्वजनिक सूचना और आपत्ति-सुझाव प्रक्रिया अनिवार्य होती है। गोहद में बिना जन-सहमति और परामर्श के एलीवेटेड रोड थोपना Administrative Arbitrariness का उदाहरण है। मई 2025 में आयोजित बैठक में सभी जनप्रतिनिधियों की सहमति से बायपास अलाइनमेंट स्वीकृत किया गया था, लेकिन अब बिना पुनर्विचार के निर्णय बदलना भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक बताया जा रहा है।
पर्यावरणीय और सामाजिक खतरे
एलीवेटेड रोड से शहर के भीतर भारी वाहनों का दबाव, शोर, धूल और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ेगा, जिससे नागरिकों के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। यह कदम Environment Protection Act, 1986 की धारा 3 और 5 के तहत Public Safety Obligation के प्रतिकूल है।
भेदभावपूर्ण नीति पर सवाल
भिंड, मेहगांव और फूप जैसे अन्य क्षेत्रों में बायपास स्वीकृत हैं, तो केवल गोहद के लिए एलीवेटेड रोड क्यों? — यह समानता के अधिकार (Article 14) का स्पष्ट उल्लंघन है। स्थानीय संगठनों ने इसे ठेकेदार-हितैषी और जनता-विरोधी नीति बताया है।
जन आंदोलन की चेतावनी
पुखराज भटेले (संस्थापक, व्यवस्था परिवर्तन), गौरव राज सोनी, कृष्ण प्रताप सिंह तोमर, रविंद्र सिंह बरार, धर्मेंद्र सिंह भदौरिया और अन्य सामाजिक संगठनों ने संयुक्त रूप से ज्ञापन सौंपकर मांग की कि गोहद में एलीवेटेड रोड योजना तत्काल निरस्त की जाए। पूर्व स्वीकृत बायपास योजना को पुनः लागू किया जाए। 15 दिनों के भीतर सार्वजनिक सुनवाई (Public Hearing) आयोजित की जाए।