
खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत बोले – उपभोक्ता हितों की रक्षा और जमाखोरी पर सख्त नियंत्रण सरकार की प्राथमिकता
भोपाल। भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत जारी विशिष्ट खाद्य पदार्थों पर लाइसेंसी अपेक्षाएं, स्टॉक सीमाएं और संचलन प्रतिबंध हटाना (संशोधन) आदेश, 2025 के माध्यम से देशभर में गेहूं पर नई स्टॉक सीमा तय कर दी है। यह आदेश 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगा।
मध्यप्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए गेहूं की अधिकतम स्टॉक सीमा निम्नानुसार निर्धारित की गई है
व्यापारी / थोक विक्रेता: अधिकतम 2000 मीट्रिक टन
रिटेल आउटलेट: प्रत्येक दुकान के लिए 8 मीट्रिक टन
बिग चेन रिटेलर: प्रति आउटलेट 8 मीट्रिक टन (कुल सीमा = दुकानों की संख्या × 8 मीट्रिक टन)
प्रोसेसर: मासिक स्थापित क्षमता के 60 प्रतिशत को शेष महीनों से गुणा कर जितना स्टॉक बनेगा, उतना अधिकतम रखा जा सकेगा।
मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि आदेश के अनुसार सभी संबंधित इकाइयों को अपने गेहूं स्टॉक की जानकारी खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के पोर्टल पर दर्ज करनी होगी। यदि किसी के पास निर्धारित सीमा से अधिक स्टॉक पाया जाता है, तो उसे 15 दिनों के भीतर निर्धारित सीमा तक कम करना होगा।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश गेहूं (अधिकतम स्टॉक सीमा एवं स्टॉक घोषणा नियंत्रण आदेश – संशोधन, 2025) का प्रारूप तैयार कर लिया है, जिसके तहत विभागीय और जिला प्रशासन के अधिकारी जांच, तलाशी और अभिग्रहण की कार्यवाही कर सकेंगे।
मंत्री राजपूत ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत सरकार द्वारा भविष्य में यदि स्टॉक सीमा की अवधि या मात्रा में कोई संशोधन किया जाता है, तो वह स्वतः राज्य में लागू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है, उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना, जमाखोरी पर रोक लगाना और कृत्रिम मूल्य वृद्धि को नियंत्रित करना।



