सीएम हेल्पलाइन पर लापरवाही: दो-दो महीने तक लंबित शिकायतें, मुख्यमंत्री की मंशा पर पानी फेर रही नौकरशाही

भोपाल । मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए प्राथमिकता से संचालित की जा रही सीएम हेल्पलाइन योजना पर अधिकारियों की लापरवाही गहरा सवाल खड़ा कर रही है। जबकि मुख्यमंत्री स्वयं कुछ चुनिंदा शिकायतों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं, लेकिन विभागीय अमला विशेषकर L-3 और L-4 स्तर, जो विभागाध्यक्ष श्रेणी के होते हैं, इस गंभीरता को नहीं अपना पा रहा है।

सीएम हेल्पलाइन का उद्देश्य जनता को त्वरित समाधान देना और सरकार तक जमीनी हकीकत को पारदर्शी रूप में पहुंचाना है। मुख्यमंत्री की व्यक्तिगत निगरानी के बाद उम्मीद थी कि हेल्पलाइन अब और अधिक प्रभावी होगी, और हर शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा। लेकिन वास्तविकता इससे उलट दिखाई दे रही हैजब L-3 और L-4 जैसे उच्च स्तरों पर भी शिकायतें दो-दो महीने तक लंबित पड़ी रहें, तो यह पूरी प्रणाली की कार्यकुशलता पर सवाल खड़ा करता है।

शिकायतें दो महीने से लंबित

मंत्रालय कर्मचारी नेता सुधीर नायक  द्वारा दर्ज की गई शिकायत क्रमांक 34131783, दिनांक 28/08/2025 को निचले स्तरों पर निराकरण न होने के कारण 12/09/2025 को L-3 रजिस्ट्रार फर्म्स एवं संस्थाएं को भेजी गई। लेकिन दो महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई न होना यह दर्शाता है कि विभाग स्तर पर गंभीरता का अभाव है। इसके बाद शिकायत पर कोई कार्रवाई न होने की शिकायत क्रमांक 35019702 (दिनांक 23/10/2025) भी दर्ज की गई, जो 04/11/2025 से L-3 स्तर पर लंबित है। यह स्थिति बताती है कि न केवल मूल शिकायत, बल्कि शिकायत की शिकायत भी समय पर संबोधित नहीं हो रही।

प्रमुख सचिव को ज्ञापन

स्थिति की गंभीरता देखते हुए आपने प्रमुख सचिव, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग को ज्ञापन सौंपकर L-3 स्तर के अधिकारी को तत्काल कार्रवाई हेतु निर्देशित करने का अनुरोध किया है, यह कदम बिल्कुल उचित और आवश्यक है।

जब मुख्यमंत्री स्वयं व्यवस्था को दुरुस्त करने की कोशिश कर रहे हों, तब नौकरशाही का यह रवैया पूरे सिस्टम की विश्वसनीयता पर प्रभाव डालता है। यदि इस तरह शिकायतें लंबित रहीं, तो सीएम हेल्पलाइन जैसी सराहनीय योजना का उद्देश्य अधूरा ही रह जाएगा।

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