एम्स भोपाल में ‘फॉरेंसिक अपडेट–VIII’ आयोजित: टाइम-सिंस-डेथ के वैज्ञानिक विश्लेषण पर राष्ट्रीय कार्यशाला संपन्न

भोपाल। एम्स भोपाल के फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी विभाग ने 21–22 नवंबर 2025 को दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला फॉरेंसिक अपडेट–VIII का आयोजन किया। कार्यक्रम का मुख्य फोकस मृत्यु के बाद बीते समय (Time-Since-Death) के सटीक निर्धारण हेतु पारंपरिक व आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों पर रहा। इस कार्यशाला में देशभर से 70 से अधिक फॉरेंसिक विशेषज्ञ, फैकल्टी सदस्य, रेज़िडेंट डॉक्टर, पीएचडी स्कॉलर और प्रोफेशनल्स शामिल हुए। टाइम-सिंस-डेथ का सटीक निर्धारण आम नागरिकों के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अपराध जांच, न्यायिक प्रक्रिया और वैज्ञानिक सबूतों की विश्वसनीयता को मजबूत बनाता है। इसी कारण उन्नत तकनीकों का प्रशिक्षण फॉरेंसिक प्रोफेशनल्स के लिए अत्यंत आवश्यक माना गया।
कार्यक्रम एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. माधवानंद कर के मार्गदर्शन में आयोजित हुआ, जबकि उद्घाटन डीन (एकेडमिक्स) डॉ. रजनीश जोशी ने किया। राज्य के वरिष्ठ फॉरेंसिक विशेषज्ञ प्रो. डॉ. बी.पी. दुबे और डॉ. बड़कुर उद्घाटन सत्र में मौजूद रहे। आयोजन की अध्यक्षता प्रो. (डॉ.) अरनीत अरोड़ा और संचालन प्रो. (डॉ.) जयंती यादव ने किया।
कार्यशाला में मृत्योत्तर परिवर्तन, सड़े-गले व जले शरीरों में समय निर्धारण, बायोकेमिकल मार्कर्स, पोस्टमॉर्टम रेडियोलॉजी, फॉरेंसिक एंटोमोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, जीनोमिक्स और प्रोटीओमिक्स जैसे विषयों पर विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिए। कार्यक्रम की प्रमुख विशेषता व्यावहारिक प्रशिक्षण रहा, जिसमें प्रतिभागियों ने आधुनिक वैज्ञानिक उपकरणों और तकनीकों का प्रत्यक्ष उपयोग कर वास्तविक जांच परिस्थितियों का अनुभव प्राप्त किया।
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