भोपाल। चिकित्सा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देते हुए एम्स भोपाल ने “थ्री-डी प्रिंटिंग एवं मॉडलिंग इन हेल्थकेयर” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का सफल आयोजन किया। यह संगोष्ठी संस्थान की अत्याधुनिक कम्प्यूटेशनल थ्री-डी मॉडलिंग एवं बायोमैकेनिक्स लैब द्वारा आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य आधुनिक हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी, सर्जिकल प्लानिंग, और मेडिकल एजुकेशन में उन्नति लाना है।
इस संगोष्ठी का उद्घाटन एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के द्वारा किया गया। उन्होंने कहा, “थ्री-डी प्रिंटिंग और मॉडलिंग जैसी उन्नत तकनीकें अब स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ-साथ चिकित्सा छात्रों के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण का अभिन्न हिस्सा बन रही हैं। यह संगोष्ठी हमारे नवाचार और अनुसंधान आधारित स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति संकल्प को दर्शाती है।”
थ्री-डी प्रिंटिंग तकनीक के माध्यम से सर्जन अब मरीज की शारीरिक संरचना का सटीक थ्री-डी मॉडल बनाकर ऑपरेशन से पहले ही पूरी योजना तैयार कर सकते हैं, जिससे न केवल ऑपरेशन का समय घटता है बल्कि जटिलताओं की संभावना भी काफी हद तक कम होती है। साथ ही, यह तकनीक मरीजों और उनके परिजनों को बीमारी और उपचार प्रक्रिया को बेहतर ढंग से समझाने में मदद करती है।
एम्स भोपाल द्वारा स्थापित यह लैब वर्चुअल रियलिटी सिमुलेशन, पेशेंट-स्पेसिफिक मॉडलिंग, बायोमैकेनिक्स रिसर्च और रेयर केस पैथोलॉजी म्यूज़ियम जैसे क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में कार्य कर रही है। इसी क्रम में, जुलाई 2025 से एम्स भोपाल और मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) के सहयोग से दो संरचित प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम भी शुरू किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ उपस्थित रहे, जिनमें डॉ. अजीत कुमार (उप निदेशक प्रशासन), प्रो. (डॉ.) शशांक पुरवार (चिकित्सा अधीक्षक), प्रो. (डॉ.) रजनीश जोशी (डीन एकेडमिक्स), और प्रो. (डॉ.) रेहान उल हक (डीन रिसर्च) शामिल थे। संगोष्ठी में भारत और विदेश के विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया, जिनमें एम्स नई दिल्ली की न्यूरोइंजीनियरिंग लैब से डॉ. रमणदीप सिंह और स्ट्रैटासिस (इज़राइल) से डेंटल डिवीजन प्रमुख श्री रॉन एलेनबोगन प्रमुख रूप से शामिल रहे। श्री एलेनबोगन ने औद्योगिक स्तर पर बायोप्रिंटिंग और इसके चिकित्सीय उपयोगों पर प्रकाश डाला।
लैब की संयोजक डॉ. सुनीता अठावले ने एम्स भोपाल में इस तकनीक की स्थापना, विकास और मेडिकल इनोवेशन के क्षेत्र में अब तक हुए कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। वहीं सह-संयोजक डॉ. रेखा लालवानी ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया और डॉ. शीतल कोटगिरवार ने आभार प्रदर्शन किया।
यह संगोष्ठी एम्स भोपाल की उस दूरदृष्टि को दर्शाती है, जिसमें आधुनिक चिकित्सा, डिजिटल हेल्थ टेक्नोलॉजी, और शिक्षा में इनोवेशन को प्राथमिकता दी जा रही है। इससे भारत के चिकित्सा संस्थानों में थ्री-डी प्रिंटिंग और मॉडलिंग के व्यापक उपयोग की संभावनाओं को बल मिलेगा।
एम्स भोपाल में थ्री-डी प्रिंटिंग और हेल्थकेयर मॉडलिंग पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन, चिकित्सा शिक्षा और सर्जिकल तकनीकों में होगा बड़ा बदलाव
