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राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह, आंचलिक विज्ञान केन्द्र में आयोजित

पैनल डिस्कशन ने दी डिजिटल सुरक्षा की नई दिशा
साइबर अपराध से बचाव के लिए विशेषज्ञों ने दिया संदेश : क्लिक करने से पहले सोचें, जागरूक बनें, सुरक्षित रहें

भोपाल । भारत आज दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल समाजों में से एक बन चुका है,  80 करोड़ से अधिक मोबाइल इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के साथ देश तेजी से डिजिटल क्रांति की ओर अग्रसर है। ऐसे में साइबर सुरक्षा अब केवल तकनीकी विषय न होकर हर नागरिक के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गई है। इसी उद्देश्य से आंचलिक विज्ञान केन्द्र, भोपाल (राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद की इकाई) द्वारा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) LHO के सहयोग से राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह (Cyber Security Awareness Month) के अंतर्गत तीन दिवसीय कार्यक्रम (29 से 31 अक्टूबर 2025) का सफल आयोजन किया गया।

आज, 31 अक्टूबर को आयोजित पैनल डिस्कशन Cyber Security in Digital India में साइबर सुरक्षा, डेटा संरक्षण एवं डिजिटल नैतिकता से जुड़े अहम विषयों पर विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए।

मुख्य वक्ता एवं अतिथि ए. साई मनोहर, IPS अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (साइबर पुलिस), मध्य प्रदेश पुलिस, भोपाल,  डॉ. अक्षय अग्रवाल सहायक प्रोफेसर, डेटा विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग, IISER भोपाल,  डॉ. पूजा कियावत सहायक प्राध्यापक (साइबर कानून एवं सूचना सुरक्षा), राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय, भोपाल
संवाद संचालक:  साकेत सिंह कौरव, क्यूरेटर ‘ई’ एवं परियोजना समन्वयक, आंचलिक विज्ञान केन्द्र, भोपाल रहे।

सत्र में उपस्थित विद्यार्थियों, शिक्षकों और नागरिकों को डिजिटल व्यवहार, डेटा सुरक्षा और साइबर नैतिकता की गहरी समझ प्रदान की गई। विशेषज्ञों ने बताया कि आज हर व्यक्ति को अपने डिजिटल डेटा की सुरक्षा स्वयं करनी होगी, चाहे वह मोबाइल बैंकिंग हो, ऑनलाइन लेनदेन या सोशल मीडिया का उपयोग।

श्री ए. साई मनोहर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम के संदेश सोचो, रुको और एक्शन लो तथा क्लिक करने से पहले सोचें  का उल्लेख करते हुए कहा कि साइबर अपराध रोकथाम का सबसे प्रभावी तरीका है जागरूकता। यदि कोई साइबर धोखाधड़ी होती है, तो तुरंत राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें। साइबर पुलिस 24×7 जनता की सेवा में तत्पर है। डॉ. अक्षय अग्रवाल ने साइबर हमलों से बचने के तकनीकी उपायों पर विस्तार से बताया, वहीं डॉ. पूजा कियावत ने साइबर कानूनों और डेटा संरक्षण से जुड़े कानूनी पहलुओं पर प्रकाश डाला।

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