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मोबाइल फॉरेंसिक वैन से अपराध अनुसंधान होगा तकनीकी रूप से सुदृढ़: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

मुख्यमंत्री ने पुलिस मुख्यालय से मोबाइल फॉरेंसिक वैनों को झंडी दिखाकर किया रवाना
36 करोड़ से अधिक की लागत से प्रदेश को मिली 57 अत्याधुनिक फॉरेंसिक वैन

भोपाल। मध्यप्रदेश में अपराध अनुसंधान, साक्ष्य संकलन और वैज्ञानिक विवेचना को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पुलिस मुख्यालय, भोपाल से मोबाइल फॉरेंसिक वैनों को झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये मोबाइल फॉरेंसिक वैन प्रदेश के विभिन्न जिलों में सीन ऑफ क्राइम की त्वरित और वैज्ञानिक जांच में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा उठाया गया यह कदम फॉरेंसिक-आधारित, सटीक और तकनीकी विवेचना को बढ़ावा देगा। इससे न केवल अपराधों के शीघ्र खुलासे संभव होंगे, बल्कि दोषसिद्धि दर में वृद्धि और आम नागरिकों के बीच सुरक्षा का भरोसा भी और अधिक मजबूत होगा।

57 मोबाइल फॉरेंसिक वैन, 36.94 करोड़ की लागत

मध्यप्रदेश पुलिस को कुल 57 मोबाइल फॉरेंसिक वैन उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिनकी कुल लागत 36 करोड़ 94 लाख 17 हजार 969 रुपये है। यह संपूर्ण राशि केंद्र सरकार द्वारा प्रदाय की गई है। इनमें से 14 मोबाइल फॉरेंसिक वैन 16 दिसंबर 2025 को प्राप्त हुई हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री द्वारा रवाना किया गया। शेष वैन भी शीघ्र ही प्रदेश के विभिन्न जिलों को उपलब्ध कराई जाएंगी।

अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित फॉरेंसिक वैन

ये मोबाइल फॉरेंसिक वैन अत्याधुनिक तकनीकी उपकरणों से लैस हैं। इनमें स्टीरियो माइक्रोस्कोप, वेइंग बैलेंस, डीएसएलआर कैमरा, मिनी फ्रिज, एलईडी टीवी स्क्रीन, थर्मल प्रिंटर, बॉडी-वॉर्न कैमरा सहित कई आवश्यक उपकरण शामिल हैं।

इसके साथ ही वैनों में जांच किट, अपराध स्थल सुरक्षा किट, फिंगरप्रिंट किट, रक्त व बाल पहचान उपकरण, हाई-इंटेंसिटी फॉरेंसिक लाइट सोर्स, पैर व टायर निशान जांच किट, आगजनी जांच किट, साक्ष्य पैकिंग किट, बुलेट होल व गनशॉट रेजिड्यू पहचान, नशीले पदार्थ एवं विस्फोटक पहचान किट, साथ ही डीएनए सैंपल कलेक्शन और चेन ऑफ कस्टडी से संबंधित अत्याधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।

वैज्ञानिक पुलिसिंग को मिलेगा नया आयाम

मोबाइल फॉरेंसिक वैनों की तैनाती से मध्यप्रदेश पुलिस की वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमता में बड़ा इजाफा होगा। यह पहल प्रदेश में आधुनिक पुलिसिंग, त्वरित न्याय और प्रभावी कानून व्यवस्था की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानी जा रही है।

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