
भोपाल। मध्यप्रदेश शासन के एमएसएमई एवं भोपाल जिले के प्रभारी मंत्री श्री चैतन्य कुमार काश्यप ने राजधानी के समेकित यातायात नीति (कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान) को लेकर आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि भोपाल की नई यातायात योजना तैयार करने से पहले स्थानीय जनप्रतिनिधियों की राय अवश्य ली जाए। उन्होंने कहा कि मेट्रो परियोजना जैसे बड़े सार्वजनिक परिवहन प्रोजेक्ट में जनता के प्रतिनिधियों की भागीदारी बेहद जरूरी है।
यह बैठक आज पालिका भवन, नगरीय विकास संचालनालय में आयोजित की गई, जिसमें श्री काश्यप ने कहा कि भोपाल मेट्रो परियोजना राजधानी के भविष्य को नई दिशा देने वाली है और इस परियोजना को लेकर किसी भी स्तर पर ढिलाई या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट की प्रगति को मिले प्राथमिकता
मंत्री काश्यप ने अधिकारियों से अपेक्षा की कि मेट्रो परियोजना को भोपाल के विकास की सर्वोच्च प्राथमिकता मानते हुए प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि कार्यों की सतत निगरानी की जाए और सभी गतिविधियां निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण हों। उन्होंने यह भी कहा कि भोपाल की जनसंख्या संरचना और ट्रैफिक पैटर्न को ध्यान में रखते हुए परियोजना के किसी भी गैप (अंतराल) को शीघ्र चिन्हित कर पूरा किया जाए।
15 दिनों में मेट्रो कार्यों की प्रगति की समीक्षा
मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी क्षेत्रीय विधायकों, पार्षदों और जनप्रतिनिधियों से समन्वय कर आगामी 15 दिनों में मेट्रो प्रोजेक्ट की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की जाए। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि समेकित मोबिलिटी प्लान का उद्देश्य केवल यातायात सुधार नहीं, बल्कि एक स्मार्ट और सुगम शहरी जीवन शैली का निर्माण भी है।
बैठक में जनप्रतिनिधियों और उच्च अधिकारियों की उपस्थिति
इस अहम बैठक में भोपाल के विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, श्री भगवानदास सबनानी, श्री आरिफ मसूद, महापौर श्रीमती मालती राय, आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास श्री सीबी चक्रवर्ती एम, सचिव श्री मनीष सिंह, कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह और नगर निगम आयुक्त श्री हरेन्द्र नारायण सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।





