
गोहद क्षेत्र के किसानों ने शासन से की शीघ्र मुआवजा और अनुदान की मांग
गोहद। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 13 गोहद में बीते दिनों हुई लगातार और अत्यधिक वर्षा के कारण किसानों की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। खेतों में लंबे समय तक पानी भरे रहने से धान, बाजरा, ज्वार सहित अन्य फसलें पूर्णतः नष्ट हो गईं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। किसानों द्वारा बीज, खाद, कीटनाशक, सिंचाई और अन्य कृषि कार्यों पर किया गया व्यय अब वसूल होना असंभव हो गया है। इस आपदा ने क्षेत्र के किसानों के सामने आजीविका संकट खड़ा कर दिया है और आगामी रबी फसल की तैयारी भी प्रभावित होने की संभावना है। इसी संदर्भ में किसानों और समाजसेवियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शासन से तत्काल सर्वे कर राहत सहायता प्रदान करने का निवेदन किया है।
ज्ञापन में निम्न प्रमुख माँगें
क्षेत्र में हुए फसल नुकसान का यथाशीघ्र राजस्व एवं कृषि विभाग द्वारा सर्वे कराया जाए।
सर्वे रिपोर्ट के आधार पर फसल बीमा योजना और आपदा राहत कोष से किसानों को मुआवजा दिया जाए।
अगली फसल की तैयारी हेतु बीज, खाद और डीज़ल पर विशेष अनुदान/सहायता प्रदान की जाए।
जिन किसानों पर सहकारी समितियों या बैंकों का कृषि ऋण बकाया है, उसकी वसूली अस्थायी रूप से स्थगित की जाए।
गोहद मंडी में फसल से भरी ट्रालियों में खराब हुई उपज का भी सर्वे कर उचित मूल्यांकन पर खरीदी की जाए।
ज्ञापन में कहा गया कि यह विषय किसानों की जीविका और जीवन-निर्वाह से जुड़ा हुआ है, अतः शासन द्वारा शीघ्र राहत सहायता उपलब्ध कराना अत्यावश्यक है।
इस ज्ञापन पर समाजसेवी और ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े कार्यकर्ताओं में महेश करारिया (ब्लॉक प्रमुख, इंडियन वेटरन ऑर्गनाइजेशन),
पुखराज भटेले (संस्थापक, व्यवस्था परिवर्तन), सूबेदार अंतराम प्रजापति (फौजी), बंटी जादौन, धर्मेंद्र सिंह भदौरिया (युवा समाजसेवी), राजेश आर्य, अमित तोमर, पवन श्रोती एड. करवास, आज्ञाराम कुशवाहा (आलोरी), शिवम पंडा, रामकुमार शर्मा (खडेर), रामस्वरूप कुशवाहा (निवरोल),
सोबरन सिंह तोमर (सर्वा) तथा अनेक सामाजिक संगठनों और किसान भाइयों ने हस्ताक्षर किए।



