भोपाल में वाहन चोरी गिरोह का भंडाफोड़: कोहेफिजा और शाहजहानाबाद थाना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में बड़ा खुलासा, मास्टरमाइंड मैकेनिक गिरफ्तार

भोपाल। राजधानी भोपाल में सक्रिय वाहन चोरी गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। कोहेफिजा और शाहजहानाबाद थाना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में इस गिरोह को बेनकाब किया गया। पुलिस ने मामले में मुख्य आरोपी समेत अन्य सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। इस गिरोह के तार एक आरटीओ एजेंट से भी जुड़े पाए गए हैं। अब तक पुलिस ने लगभग 7.5 लाख रुपये की चोरी की गाड़ियाँ बरामद की हैं।
मैकेनिक निकला गिरोह का मास्टरमाइंड
इस वाहन चोरी गिरोह का मास्टरमाइंड कोई पेशेवर अपराधी नहीं, बल्कि एक मैकेनिक निकला। आरोपी मैकेनिक ने चोरी की गाड़ियों की बिक्री को सुनियोजित तरीके से अंजाम देने के लिए एक गिरोह तैयार किया था, जिसमें एक फर्जी आरसी कार्ड बनाने वाला एजेंट, आरटीओ से जुड़ा व्यक्ति, और कुछ वाहन चोर शामिल थे।
शोरूम कंडीशन वाली गाड़ियों पर रहता था निशाना
गिरोह की विशेषता यह थी कि ये चोर सिर्फ अच्छी हालत यानी ‘शोरूम कंडीशन’ वाली गाड़ियों को ही निशाना बनाते थे। खासकर सुजुकी ऑक्सीस मोपेड उनकी प्रमुख पसंद थी, क्योंकि इनकी डिमांड अधिक रहती है और बाजार में इन्हें खपाना आसान होता है।
₹3000 का मिलता था इनाम, जब पहुंचती थी ‘डिमांडिंग गाड़ी’
इस गैंग का तरीका बेहद अनोखा था। जैसे ही किसी ‘डिमांडिंग’ गाड़ी की चोरी होती और वह गिरोह के मुख्य डीलर तक पहुंचती, चोरी करने वाले सदस्य को बतौर इनाम ₹3000 नकद दिए जाते थे। यह गाड़ी फिर फर्जी कागज़ात के ज़रिए बेच दी जाती थी।
फर्जी आरसी कार्ड बनाकर होती थी बिक्री
गिरोह फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) तैयार कर चोरी की गाड़ियों को असली दिखाकर बेचते थे। इसमें एक आरटीओ एजेंट की भूमिका भी सामने आई है, जो कागज़ी कार्रवाई को वैध दिखाने में मदद करता था।
भोपाल पुलिस की सतर्कता से असफल हुई साजिश
भोपाल पुलिस की सटीक सूचना और सतर्कता की बदौलत यह गिरोह पकड़ा गया। कोहेफिजा और शाहजहानाबाद थाना पुलिस की टीम ने तकनीकी साक्ष्यों और मुखबिरों की मदद से इस नेटवर्क का खुलासा किया। गिरोह के पास से अब तक 7.5 लाख रुपये मूल्य की गाड़ियाँ बरामद की जा चुकी हैं और आगे की पूछताछ जारी है।