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MANIT भोपाल में स्थापित होगा ‘Center of Excellence for Public Safety’, मध्यप्रदेश पुलिस के साथ ऐतिहासिक MoU

भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस और मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MANIT), भोपाल के बीच सार्वजनिक सुरक्षा को तकनीक से जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। MANIT भोपाल में आयोजित ग्लोबल एलुमनाई मीट–2025 के अवसर पर पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाणा की विशेष उपस्थिति में दोनों संस्थानों के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस MoU के अंतर्गत MANIT परिसर में ‘सार्वजनिक सुरक्षा उत्कृष्टता केंद्र’ (Center of Excellence for Public Safety) की स्थापना की जाएगी।

तकनीक आधारित स्मार्ट पुलिसिंग की मजबूत नींव

पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाणा ने अपने संबोधन में कहा कि यह उत्कृष्टता केंद्र केवल एक प्रशिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि थिंक टैंक और रिसर्च हब के रूप में कार्य करेगा। यह केंद्र पुलिसिंग और अकादमिक जगत के बीच सहयोग का राष्ट्रीय स्तर पर अनुकरणीय मॉडल बनेगा। केंद्र के माध्यम से स्मार्ट पुलिसिंग, साइबर सुरक्षा, डिजिटल फॉरेंसिक, डेटा एनालिटिक्स, क्राउड मैनेजमेंट, ट्रैफिक मैनेजमेंट और GIS आधारित योजना जैसे विषयों पर शोध, नवाचार और विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे।

2026 में सड़क सुरक्षा पर विशेष फोकस

डीजीपी श्री मकवाणा ने सड़क सुरक्षा को वर्ष 2026 का प्रमुख लक्ष्य घोषित करते हुए कहा कि MANIT की सिविल और रोड इंजीनियरिंग विशेषज्ञता सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने में निर्णायक भूमिका निभाएगी।
इसके साथ ही सिंहस्थ–2028 जैसे विशाल आयोजनों के लिए वैज्ञानिक क्राउड मॉडलिंग, यातायात योजना और सुरक्षा प्रबंधन में यह केंद्र महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान करेगा।

मध्यप्रदेश पुलिस की बड़ी उपलब्धियाँ

अपने वक्तव्य में डीजीपी ने मध्यप्रदेश पुलिस की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रभावी रणनीति, सघन अभियानों और रिकॉर्ड आत्मसमर्पण के चलते मध्यप्रदेश नक्सलवाद से लगभग मुक्त हो चुका है। साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए शुरू की गई ई-जीरो एफआईआर (e-Zero FIR) व्यवस्था के तहत अब एक लाख रुपये से अधिक के साइबर फ्रॉड मामलों में शिकायत स्वतः एफआईआर में परिवर्तित हो सकेगी, जिससे पीड़ितों को त्वरित न्याय मिलेगा।
इसके अतिरिक्त ‘नशे से दूरी है जरूरी’ जन-जागरूकता अभियान को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा सम्मानित किए जाने की जानकारी भी साझा की गई।

पूर्व छात्र की भावनात्मक यादें और ‘ब्लेजर’ परंपरा

MANIT के 1986 बैच के पूर्व छात्र के रूप में डीजीपी श्री मकवाणा ने अपने छात्र जीवन की स्मृतियाँ साझा कीं। उन्होंने संस्थान की पुरानी ‘ब्लेजर परंपरा’ को पुनः प्रारंभ करने का सुझाव देते हुए कहा कि यह अनुशासन, गर्व और संस्थान से जुड़ाव का प्रतीक थी।
उन्होंने MANIT के 90 प्रतिशत से अधिक प्लेसमेंट, बेहतर शैक्षणिक वातावरण और आधुनिक होते इंफ्रास्ट्रक्चर की भी सराहना की।

AI और ड्रोन तकनीक से सशक्त होगा सुरक्षा तंत्र

डीजीपी ने कहा कि यह उत्कृष्टता केंद्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ड्रोन टेक्नोलॉजी, GIS मैपिंग और एडवांस्ड डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से पुलिसिंग को अधिक पारदर्शी, वैज्ञानिक और प्रभावी बनाएगा। इस MoU को साकार करने में वास्तुकला एवं नियोजन विभाग के डॉ. राहुल तिवारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। यह साझेदारी MANIT की तकनीकी दक्षता और मध्यप्रदेश पुलिस के व्यावहारिक अनुभव का ऐसा समन्वय है, जो भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में एक स्थायी और नवाचारी समाधान प्रस्तुत करेगा। कार्यक्रम में देश-विदेश से आए अनेक वरिष्ठ पूर्व छात्र, शिक्षाविद् और गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
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