भोपाल। राजधानी भोपाल के रविंद्र भवन मुक्ताकाश मंच पर आयोजित भव्य “रामभक्ति के अनुपम अनुष्ठान” कार्यक्रम में मानस मयंक पंडित अजय याज्ञिक ने कहा कि धर्म और सेवा के कार्यों से मानव जीवन सुंदरकांड जैसा पवित्र और सुंदर बन जाता है। हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में सुंदरकांड का संगीतमय पाठ करते हुए पंडित याज्ञिक ने बताया कि किस प्रकार हनुमानजी ने सेवा, भक्ति और प्रेम का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया, जिससे इस कांड का नाम “सुंदरकांड” पड़ा।
कार्यक्रम का आयोजन बाबूलाल भगवती सोनी ट्रस्ट द्वारा किया गया था। इस अवसर पर पंडित अजय याज्ञिक ने “हनुमान सम नहिं बड़भागी, नहिं कोई रामचरन अनुरागी” विषय पर गहन व्याख्यान देते हुए कहा कि भगवान शंकर ने स्वयं माता पार्वती से कहा कि हनुमानजी जैसा कोई भाग्यशाली भक्त नहीं है। भगवान राम ने भी अपने श्रीमुख से हनुमानजी के धर्म और सेवाधर्म की प्रशंसा कई बार की है। पंडित याज्ञिक ने श्रद्धालुओं को संदेश दिया कि प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में धर्म, सेवा और प्रेम जैसे कार्यों को अपनाना चाहिए ताकि उसका जीवन भी सुंदरकांड की भांति सार्थक और सुंदर बन सके।
श्रद्धालु भजनों की मधुर स्वर लहरियों पर झूमे
कार्यक्रम के दौरान पंडित अजय याज्ञिक द्वारा गाए गए विभिन्न मधुर भजनों और सुंदरकांड की संगीतमय प्रस्तुति ने श्रद्धालुओं को भक्ति में विभोर कर दिया। सचिव प्रमोद नेमा ने बताया कि भजनों की स्वर लहरियों पर श्रद्धालु स्वयं को थिरकने से रोक नहीं सके। साथ ही, फूलों की होली खेलकर परिसर को भक्ति रस में सराबोर कर दिया गया।
चंदन तिलक, निशुल्क पुस्तक भेंट और महा प्रसादी का आयोजन
कार्यक्रम की शुरुआत में श्रद्धालुओं का चंदन का तिलक कर स्वागत किया गया और सुंदरकांड की पुस्तिका तथा हनुमान चालीसा का लघु संस्करण निःशुल्क भेंट किया गया। सुंदरकांड पाठ एवं महा आरती के बाद श्रद्धालुओं के लिए महा प्रसादी का भव्य आयोजन भी हुआ, जिसमें सभी ने भक्ति भाव से भाग लिया।
राजनीतिक, सामाजिक व व्यापारिक जगत की प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति
इस अनूठे धार्मिक आयोजन में करुणा धाम आश्रम के सुदेश शांडिल्य, मंत्री विश्वास सारंग, महापौर मालती राय, विधायक रामेश्वर शर्मा सहित राजधानी भोपाल की कई प्रमुख सामाजिक, राजनीतिक व व्यापारिक संस्थाओं के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
कार्यक्रम के अंत में संस्था अध्यक्ष प्रदीप सोनी मिलन, सचिव प्रमोद नेमा और अन्य पदाधिकारियों द्वारा पंडित अजय याज्ञिक का सम्मान कर भक्ति के इस अनुपम आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया गया।
रविंद्र भवन में मानस मयंक पंडित अजय याज्ञिक ने कहा — धर्म व सेवा से जीवन बनता है सुंदरकांड जैसा
