सहायक आयुक्त बैतूल के आदेश का विरोध करेगा मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच, अंशकालीन कर्मचारियों की सेवा समाप्ति पर उठे सवाल

भोपाल। बैतूल जिले के जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त द्वारा जारी आदेश में अंशकालीन और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सेवा से हटाने के निर्देश दिए गए हैं। इस आदेश को कर्मचारी विरोधी बताते हुए मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच ने इसका कड़ा विरोध जताया है और विभागीय आयुक्त को ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया है।

मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच ने बैतूल जिले के जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त द्वारा जारी आदेश को कर्मचारी विरोधी और असंवेदनशील बताया है। इस आदेश में कहा गया है कि विभागीय छात्रावासों और आश्रम शैक्षणिक संस्थानों में स्वीकृत पदों से अधिक चतुर्थ श्रेणी, दैनिक वेतन भोगी, भृत्य और अंशकालीन कर्मचारी नहीं रखे जाएं।

मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि यह आदेश बिना शासन के निर्देशों के जारी किया गया है, जिससे वर्षों से कार्यरत अंशकालीन और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की नौकरी पर संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि जनजातीय कार्य विभाग, बैतूल में कई कर्मचारी पिछले 10 वर्षों से निरंतर सेवा दे रहे हैं, लेकिन अब उन्हें अचानक सेवा से पृथक करने की स्थिति उत्पन्न की जा रही है।

कर्मचारी मंच ने चेतावनी दी है कि यदि किसी भी कर्मचारी को सेवा से हटाया गया, तो राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। साथ ही, संगठन ने विभागीय आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर सहायक आयुक्त के आदेश को तत्काल निरस्त करने की मांग की है।

अशोक पांडे ने कहा कि कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए मंच हर स्तर पर संघर्ष करेगा। उन्होंने शासन से मांग की कि ऐसे आदेशों को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए, ताकि अंशकालीन कर्मचारियों के भविष्य पर संकट न आए।

Exit mobile version