30 नवंबर तक अस्थाई श्रमिकों को बोनस भुगतान करें राज्य सरकार: मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच की चेतावनी

मध्य प्रदेश में लाखों अस्थाई श्रमिकों को पिछले 20 वर्षों से बोनस नहीं मिल रहा है, जबकि श्रम अधिनियम में स्पष्ट प्रावधान है कि ₹21,000 से कम वेतन पाने वाले श्रमिक बोनस के पात्र हैं। इस गंभीर उपेक्षा पर अब मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने सरकार को 30 नवंबर तक बोनस भुगतान की अंतिम चेतावनी दी है।
भोपाल। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि प्रदेश के सभी शासकीय, अर्द्ध शासकीय विभागों, निगम-मंडलों, परिषदों, संघों और सहकारी संस्थाओं में कार्यरत अस्थाई श्रमिकों को वर्ष 2025 के लिए 30 नवंबर तक बोनस का भुगतान किया जाए। मंच ने चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित समय सीमा में बोनस भुगतान नहीं हुआ, तो राज्यभर के श्रमिक कर्मचारी मंच के बैनर तले राजधानी भोपाल में बड़ा आंदोलन करेंगे।
मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न विभागों में लाखों अस्थाई श्रमिक वर्षों से कार्यरत हैं, लेकिन बोनस भुगतान अधिनियम, 1965 के बावजूद पिछले दो दशकों से बोनस नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार की नीतिगत उदासीनता है और यह श्रमिकों के श्रम अधिकारों का सीधा उल्लंघन है।
अशोक पांडे ने बताया कि श्रम अधिनियम के अनुसार जिन संस्थानों में 20 से अधिक श्रमिक कार्यरत हैं और जिनका वेतन ₹21,000 से कम है, उन्हें ₹7,000 या 8.33% (जो भी अधिक हो) बोनस के रूप में भुगतान किया जाना चाहिए। यह भुगतान हर वर्ष 30 नवंबर तक अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य शासन एवं श्रम विभाग को इस दिशा में स्पष्ट निर्देश जारी करने चाहिए ताकि सभी पात्र श्रमिकों को समय पर बोनस मिल सके। मंच ने यह भी निर्णय लिया है कि यदि सरकार ने मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो वर्ष 2025 में बोनस अधिकार आंदोलन के तहत व्यापक श्रमिक आंदोलन किया जाएगा और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा।



