ऐसे हैं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव: थकान भूलकर दिखाई संवेदनशीलता, इंदौर की बेटी संस्कृति की ली वीडियो कॉल से सुध

भोपाल/इंदौर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव न केवल एक सक्रिय प्रशासक हैं, बल्कि संवेदनशील और मानवीय दृष्टिकोण रखने वाले नेता भी हैं। बिहार के दो दिवसीय व्यस्त दौरे से लौटने के बावजूद उन्होंने शुक्रवार को इंदौर की 17 वर्षीय बेटी संस्कृति वर्मा के स्वास्थ्य की जानकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ली और उसके शीघ्र स्वस्थ होने पर प्रसन्नता व्यक्त की।
मुख्यमंत्री ने कहा संस्कृति की मुस्कान से ही दीपावली मन गई
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉल पर संस्कृति से बातचीत करते हुए कहा कि तुम्हारे चेहरे की मुस्कान से तो हमारी दीपावली आज ही मन गई। अपना ध्यान रखो, पढ़ाई जारी रखो और मन लगाकर पढ़ो सरकार हर कदम पर तुम्हारे साथ है। डॉ. यादव ने संस्कृति और उसके परिजनों को धनतेरस, रूपचौदस और दीपावली की शुभकामनाएं भी दीं और कहा कि संकट का समय अब पूरी तरह टल गया है। उन्होंने वादा किया कि अगली बार इंदौर प्रवास के दौरान वे व्यक्तिगत रूप से संस्कृति से मिलने अवश्य आएंगे। संस्कृति ने मुख्यमंत्री से कहा कि वह सीए (चार्टर्ड अकाउंटेंट) बनना चाहती है और इसके लिए कॉमर्स प्लस एप्लाइड मैथ्स विषय लेकर पढ़ाई कर रही है। मुख्यमंत्री ने उसकी लगन और आत्मविश्वास की सराहना करते हुए उसे शुभकामनाएं दीं।
एयर एंबुलेंस से कराया था मुंबई शिफ्ट, सरकार ने उठाया इलाज का पूरा खर्च
उल्लेखनीय है कि इंदौर के संगम नगर निवासी कुमारी संस्कृति वर्मा, पुत्री अशोक वर्मा, 15 सितंबर 2025 को एयरपोर्ट रोड पर एक गंभीर सड़क दुर्घटना का शिकार हो गई थी। हादसे में उसके बाएं हाथ और शरीर के कई हिस्सों में गंभीर चोटें आई थीं। इंदौर में प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसकी जटिल स्थिति को देखते हुए मुंबई शिफ्ट करने की सलाह दी थी।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने तत्काल निर्णय लेते हुए कलेक्टर इंदौर शिवम वर्मा को निर्देश दिए कि संस्कृति को एयर एंबुलेंस से मुंबई के बॉम्बे हॉस्पिटल भेजा जाए। शासन के खर्चे पर उसे एयरलिफ्ट किया गया और वहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने उसकी बांह को बचाने के लिए सफल सर्जरी की। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा उसके उपचार पर लगभग ₹30 लाख रुपए का खर्च वहन किया गया। सर्जरी के बाद उसे फिजियोथैरेपी और निरंतर निगरानी में रखा गया। शुक्रवार को जब वह पूरी तरह स्वस्थ होकर इंदौर लौटी, तो उसकी मुस्कान ने परिवार और प्रशासन दोनों के चेहरों पर सुकून ला दिया।
मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता बनी प्रेरणा का प्रतीक
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की इस पहल ने एक बार फिर साबित किया कि सरकार केवल प्रशासन नहीं, बल्कि जनसेवा का माध्यम है। उन्होंने व्यस्त राजनीतिक दौरे के बावजूद मानवीय संवेदनशीलता का परिचय देते हुए एक बेटी के जीवन में नया उजाला भर दिया। संस्कृति और उसके दादा-दादी ने मुख्यमंत्री को वीडियो कॉल पर धन्यवाद देते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री का समय पर निर्णय और सहयोग न मिला होता, तो शायद यह संभव नहीं हो पाता।