मध्य प्रदेश ब्राह्मण समाज संयुक्त मोर्चा की बैठक संपन्न, 22 दिसंबर को संघर्ष कार्यक्रम की रूपरेखा तय होगी

आईएएस अधिकारियों के कथित समाज-विरोधी बयानों पर निंदा प्रस्ताव, सरकार से कार्रवाई की मांग
भोपाल। मध्य प्रदेश ब्राह्मण समाज संयुक्त मोर्चा की एक महत्वपूर्ण बैठक 19 दिसंबर 2025 को शाम 6 बजे अरेरा हिल्स स्थित 9 मसाला रेस्टोरेंट, भोपाल में संपन्न हुई। बैठक में संगठनात्मक मजबूती और सामाजिक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान यह निर्णय लिया गया कि 22 दिसंबर 2025 को शुभ इन रेस्टोरेंट, एमएलए रेस्ट हाउस भोपाल में अगली बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें संयुक्त मोर्चा के संघर्ष कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा तय की जाएगी।
सैकड़ों पदाधिकारी बैठक में रहे उपस्थित
बैठक में प्रमुख रूप से कैलाश मिश्रा, पुष्पेंद्र मिश्रा, अशोक पांडेय, राकेश चतुर्वेदी, संतोष पांडे, अशोक त्रिपाठी, शुभकरण पांडे, नरेंद्र त्रिपाठी, अनिल भार्गव, वायु पंडित, अशोक भारद्वाज, श्याम सुंदर शर्मा, उमाशंकर तिवारी, मयूर उपाध्याय, बच्चन नायक, दिनेश तिवारी, पंडित सतीश जी, महेंद्र मिश्रा, पंडित नीरज शर्मा, प्रमोद उपाध्याय, पंडित पुष्पेंद्र मिश्रा, नेहा त्यागी सहित सैकड़ों पदाधिकारी एवं समाज के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
आईएएस अधिकारियों के बयानों पर कड़ा ऐतराज
संयुक्त मोर्चा के वरिष्ठ पदाधिकारी अशोक पांडे द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि प्रदेश के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी संतोष वर्मा एवं मीनाक्षी सिंह द्वारा दिए गए कुछ कथित वक्तव्य सामाजिक विभेद पैदा करने वाले और समाज की भावनाओं को आहत करने वाले हैं। पांडे के अनुसार आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा द्वारा ब्राह्मण समाज की बहन-बेटियों के संबंध में की गई टिप्पणियां,घर-घर से संतोष वर्मा निकलेगा जैसे कथित दंभपूर्ण वक्तव्य तथा उच्च न्यायालय को लेकर की गई टिप्पणियां निंदनीय हैं। वहीं आईएएस अधिकारी मीनाक्षी सिंह के वर्तमान में समाज का पक्षपात लेना समय की मांग है जैसे वक्तव्य को न केवल अनुचित बल्कि भारतीय प्रशासनिक सेवा की शपथ और आचरण नियमों का उल्लंघन बताया गया।
निंदा प्रस्ताव पारित, सरकार से उच्चस्तरीय कार्रवाई की मांग
बैठक में ब्राह्मण समाज सहित अन्य समाजों ने दोनों आईएएस अधिकारियों के कथित समाज-विरोधी बयानों का पुरजोर विरोध करते हुए निंदा प्रस्ताव पारित किया। संयुक्त मोर्चा ने राज्य सरकार से मांग की कि दोनों अधिकारियों द्वारा दिए गए बयानों को सर्विस रूल के उल्लंघन के रूप में संज्ञान में लिया जाए
मामले में उच्चस्तरीय जांच एवं कड़ी कार्रवाई की जाए
संघर्ष की चेतावनी
संयुक्त मोर्चा ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार द्वारा समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो संगठन को संघर्ष का रास्ता अपनाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।



