
भोपाल । मध्यप्रदेश देश का ऐसा राज्य है, जहाँ सर्वाधिक जनजातीय जनसंख्या निवास करती है। यहां का जनजातीय समाज न केवल अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान, परंपराओं और विरासत को सहेजकर रखे हुए है, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आधुनिक भारत के निर्माण तक देश के विकास में उसका योगदान अतुलनीय रहा है। जनजातीय नायकों ने अपने प्राणों की आहुति देकर भारत की आज़ादी की नींव मजबूत की। ऐसे में राज्य सरकार द्वारा जनजातीय समाज के सर्वांगीण विकास, सांस्कृतिक संरक्षण और आधुनिक शिक्षा के माध्यम से मुख्यधारा से जोड़ने के लिए किए जा रहे प्रयास आज राष्ट्रीय स्तर पर एक उदाहरण के रूप में सामने आ रहे हैं।
जनजातीय कार्य विभाग की दो वर्षों की उपलब्धियां
पिछले दो वर्षों में मध्यप्रदेश जनजातीय कार्य विभाग ने शिक्षा, रोजगार, आवास, स्वास्थ्य, आजीविका, संस्कृति और बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि जनजातीय समुदाय की पहचान और परंपरा सुरक्षित रहे, साथ ही नई पीढ़ी आधुनिक भारत के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़े।
स्थापना, प्रशिक्षण और प्रशासनिक सशक्तिकरण
राज्य में शैक्षणिक एवं प्रशासनिक संवर्ग में 704 नियुक्तियां की गई हैं, वहीं एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में 1846 शिक्षकों व कर्मचारियों की भर्ती की गई। नए जिले मऊगंज, मैहर और पांडुर्ना के लिए 48 नवीन पदों को स्वीकृति मिली है। मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत iGOT पोर्टल पर 90 हजार से अधिक कर्मचारी ऑनबोर्ड किए गए, जिनमें 33 हजार से अधिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं। अब तक दो लाख से अधिक पाठ्यक्रम पूर्ण किए जा चुके हैं, जिससे कर्मचारियों की कार्यक्षमता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में ऐतिहासिक सुधार
प्रदेश के 153 विशिष्ट आवासीय विद्यालयों में 54 हजार से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों का परीक्षा परिणाम निरंतर बेहतर हुआ है।
कक्षा 10वीं में 2023-24 का परिणाम 81.78% से बढ़कर 2024-25 में 94.33% हो गया, वहीं 12वीं का परिणाम 77.65% से बढ़कर 84.78% तक पहुंचा। माता शबरी कन्या शिक्षा परिसर, सांदीपनि विद्यालय और अन्य शासकीय विद्यालयों में भी परीक्षा परिणामों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है, जो जनजातीय शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की नीतियों की सफलता दर्शाता है।
छात्रावास, आवास सहायता और छात्रवृत्ति
प्रदेश में 1593 छात्रावास, 1078 आश्रम शालाएं और 153 विशिष्ट आवासीय संस्थाएं संचालित हैं, जिनसे 2 लाख से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं।।सीट उपलब्ध न होने की स्थिति में महाविद्यालयीन विद्यार्थियों को आवास सहायता दी जा रही है। वर्ष 2024-25 में ही 1 लाख 43 हजार विद्यार्थियों को 240 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता दी गई। छात्रवृत्ति योजनाओं के अंतर्गत 2024-25 में कक्षा 1 से महाविद्यालय स्तर तक 23 लाख 59 हजार विद्यार्थियों को 776 करोड़ रुपये से अधिक की छात्रवृत्ति वितरित की गई।
रोजगार, कोचिंग और नेतृत्व विकास
सिविल सेवा, बैंकिंग, पुलिस भर्ती जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्रों की स्वीकृति दी गई है।
आकांक्षा योजना के अंतर्गत JEE और NEET की तैयारी हेतु 834 मेधावी विद्यार्थियों को कोचिंग सहायता मिली। सिविल सेवा परीक्षा में सफल 1250 जनजातीय अभ्यर्थियों को 2 करोड़ 60 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। नेतृत्व विकास शिविरों के माध्यम से मेधावी विद्यार्थियों को भारत दर्शन कराया गया।
जनजातीय संस्कृति, GI टैग और कैफेटेरिया
डिंडोरी की गोंड पेंटिंग को GI टैग मिलना प्रदेश के लिए गौरव की बात है। प्रसिद्ध गोंड चित्रकार सुश्री जोधईया बाई को पद्मश्री से सम्मानित किया गया। पचमढ़ी, मांडू, कान्हा-किसली, पेंच और बांधवगढ़ जैसे पर्यटन स्थलों पर जनजातीय कैफेटेरिया विकसित किए जा रहे हैं, जिनका संचालन स्वयं सहायता समूह की महिलाएं करेंगी। इससे रोजगार के साथ-साथ जनजातीय व्यंजन और संस्कृति को भी पहचान मिलेगी।
पीएम जनमन और धरती आबा अभियान
प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (PM JANMAN) के अंतर्गत बैगा, भारिया और सहरिया जनजातियों को विशेष लाभ दिया जा रहा है। प्रदेश के 24 जिलों में 13 लाख से अधिक जनजातीय नागरिक इससे लाभान्वित हो रहे हैं।।वहीं धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत 51 जिलों के 11,377 गांवों में बुनियादी ढांचे, आवास, सड़क, जल, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।
निष्कर्ष
मध्यप्रदेश आज जनजातीय कल्याण, शिक्षा सुधार, सांस्कृतिक संरक्षण और सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक सशक्त मॉडल बनकर उभरा है। सरकार की योजनाएं न केवल आंकड़ों में बल्कि जमीन पर भी बदलाव ला रही हैं। यह स्पष्ट है कि जनजातीय समाज के विकास के बिना समग्र विकास की कल्पना अधूरी है, और मध्यप्रदेश इस दिशा में मजबूत कदम बढ़ा रहा है।



