मध्य प्रदेश में कानून–व्यवस्था चरमराई, लोकतंत्र पर गहरा खतरा: जीतू पटवारी का मोहन सरकार पर बड़ा हमला

कानून का राज खत्म, वोटर लिस्ट में धांधली और कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर दमन, एमपीसीसी अध्यक्ष ने जताई गहरी चिंता

भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आज पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश की बिगड़ती कानून–व्यवस्था, कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हो रही कथित अलोकतांत्रिक कार्रवाई और वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर सामने आ रही अनियमितताओं पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि मोहन सरकार और गृह मंत्री प्रदेश में क़ानून की स्थिति संभालने में पूरी तरह असफल साबित हुए हैं।

कानून का राज खत्म, अपराधियों के हौसले बुलंद

पटवारी ने मंडीदीप में हुए उस अमानवीय कृत्य का उल्लेख किया जिसमें एक व्यक्ति पर पेशाब कर अपमानित किया गया। उन्होंने कहा कि यह घटना साफ बताती है कि “मध्य प्रदेश में कानून नाम की कोई चिड़िया नहीं बची है।”
उनके अनुसार प्रदेश में पहले ऐसी घटनाओं में बीजेपी नेताओं की भूमिका सामने आती थी, लेकिन अब यह अपराध सामान्य संस्कृति की तरह फैल चुका है। उन्होंने कहा कि एनसीआरबी के ताज़ा आंकड़े इस बात का सबूत हैं कि अपराध पर नियंत्रण के बजाय हालात जीरो कंट्रोल की स्थिति में पहुँच गए हैं। राजधानी भोपाल सहित पूरे प्रदेश में बस, रेस्टोरेंट, घर कहीं भी लोग सुरक्षित नहीं हैं।

पटवारी ने आरोप लगाया कि पुलिस पर हमले बढ़े हैं, वहीं दूसरी ओर पुलिसकर्मी भ्रष्टाचार और लूट में पकड़े जा रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया गृह मंत्री का दायित्व क्या है? मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को इसका जवाब देना पड़ेगा।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर दमन, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला

नरसिंहपुर के कांग्रेस और सामाजिक कार्यकर्ता मंजीत घोषी की सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर हुई गिरफ्तारी पर पटवारी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह गिरफ्तारी अलोकतांत्रिक, तानाशाहीपूर्ण और पूरी तरह राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित है।पटवारी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने परिवार को गुमराह किया और उन्हें दिल्ली तक ले जाकर नजरबंद जैसा व्यवहार किया।
कांग्रेस ने घोषी और उनके परिवार को हर संभव कानूनी सहायता देने की घोषणा की।

वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर अनियमितता, लोकतंत्र पर हमला

पटवारी ने SIR प्रक्रिया को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार और चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया को इतना जटिल बना दिया है कि आम नागरिक बेहद परेशान है। उन्होंने दावा किया कि भोपाल और इंदौर में 50% से अधिक मामलों में फॉर्म ही नहीं बांटे गए, BLO तक सामग्री नहीं पहुँची। नाम हटाने की आड़ में निर्दोष लोगों के नाम काटे जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि SIR का उद्देश्य मृत, डुप्लीकेट या गलत नाम हटाना होना चाहिए, लेकिन इसे राजनीतिक हथियार बनाकर विशेष वर्गों और विरोधी मतदाताओं को वोट के अधिकार से वंचित किया जा रहा है।

पटवारी ने गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के हालिया बयानों का हवाला देते हुए कहा कि ‘एक भी घुसपैठिया नहीं बचेगा’ जैसी भाषा का इस्तेमाल कर डर और भ्रम फैलाया जा रहा है, जबकि 10–25 वर्षों से सरकार खुद ही सत्ता में है। अगर कोई दोषी है, तो आप स्वयं हैं,” उन्होंने कहा।
BLO पर दबाव से मानसिक उत्पीड़न, गलत नाम कट रहे

पटवारी ने आरोप लगाया कि BLO पर नाम काटने का दबाव बढ़ा दिया गया है, जिसके कारण वे भय के चलते सही नाम भी हटा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह मानसिक दबाव ऐसी स्थिति पैदा करता है जो हार्ट अटैक तक का कारण बन सकता है।

जनता जाग चुकी है, यह भ्रष्ट सरकार के अंत की शुरुआत

अंत में पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश की जनता अब सब समझ चुकी है। कानून–व्यवस्था का पतन, कार्यकर्ताओं पर दमनकारी कार्रवाई और वोटर लिस्ट में उपज रही अव्यवस्थाएँ ही सरकार के पतन का संकेत हैं। कांग्रेस जनता के साथ खड़ी है और हर अन्याय के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ेगी।

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