भोपाल ।।एम्स भोपाल में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत क्लिनिकल फिजियोलॉजी: ए प्रॉब्लम-सॉल्विंग अप्रोच पुस्तक का लोकार्पण किया गया। यह पुस्तक एम्स भोपाल के फिजियोलॉजी विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. वरुण मल्होत्रा द्वारा लिखी गई है और नई दिल्ली स्थित एसएलसी इंडिया पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित की गई है।
इस पुस्तक का विमोचन एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) माधवानन्द कर ने संकाय सदस्यों, चिकित्सकों और विद्यार्थियों की उपस्थिति में किया। उन्होंने डॉ. वरुण मल्होत्रा को चिकित्सा शिक्षा में उनके योगदान के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह पुस्तक विद्यार्थियों में विश्लेषणात्मक सोच और तर्कसंगत निर्णय क्षमता विकसित करने में सहायक सिद्ध होगी।
“क्लिनिकल फिजियोलॉजी: ए प्रॉब्लम-सॉल्विंग अप्रोच” पुस्तक पारंपरिक शिक्षण पद्धतियों से आगे बढ़ते हुए चिकित्सा विद्यार्थियों को वास्तविक मरीजों के उदाहरणों के माध्यम से यह समझने का अवसर देती है कि शरीर के सामान्य कार्यों में होने वाले परिवर्तन किस प्रकार रोगों के लक्षणों के रूप में प्रकट होते हैं।
पुस्तक की भूमिका फिजियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. संतोष वाकोड़े द्वारा लिखी गई है, जबकि एनाटॉमी विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. बृजेश कुमार ने इसके चित्र तैयार किए हैं।
लोकार्पण समारोह के दौरान डॉ. वरुण मल्होत्रा ने कहा कि इस पुस्तक का उद्देश्य फिजियोलॉजी के जटिल सिद्धांतों को सरल बनाना और उन्हें क्लिनिकल प्रैक्टिस से सीधे जोड़ना है, ताकि चिकित्सा विद्यार्थी मरीजों की देखभाल के प्रति अधिक सक्षम और संवेदनशील बन सकें।
एम्स भोपाल में क्लिनिकल फिजियोलॉजी: ए प्रॉब्लम-सॉल्विंग अप्रोच पुस्तक का लोकार्पण, चिकित्सा शिक्षा में नवाचार की दिशा में अहम कदम
