भोपाल/इटारसी, । रेलवे में कार्यरत कर्मचारियों की सेवा हमेशा जोखिम से भरी होती है। इसका ताजा उदाहरण उस वक्त सामने आया जब इटारसी लोको पायलट (LP/P) अली अहमद सिद्दकी के साथ 19 जुलाई दोपहर करीब 2 बजे ड्यूटी के दौरान एक गंभीर दुर्घटना घटित हो गई। यह हादसा गाड़ी संख्या 07075 पर कार्य करते समय हुआ, जब उनकी एक उंगली लोको गेट में फंसकर 80% तक कट गई।
हादसे के बाद तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू
गंभीर चोट लगने के तुरंत बाद श्री अली अहमद सिद्दकी ने पूरे घटनाक्रम की सूचना वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के संयुक्त महासचिव श्री आर.के. शर्मा जी को दी। उन्होंने तत्काल सक्रियता दिखाते हुए घायल कर्मचारी को पातालकोट एक्सप्रेस के जरिए भोपाल लाने की व्यवस्था करवाई।
इस राहत कार्य में रेलवे कंट्रोल ऑफिस (TLC) की भूमिका भी अत्यंत सराहनीय रही, जिन्होंने समय से समन्वय स्थापित कर उचित ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था सुनिश्चित की।
RKMP स्टेशन से सीधे नर्मदा ट्रॉमा सेंटर भेजा गया
भोपाल आगमन के बाद उन्हें आरकेएमपी स्टेशन से सीधे ‘नर्मदा ट्रॉमा अस्पताल’ भेजा गया, ताकि समय पर ऑपरेशन किया जा सके और उंगली को पुनः अपने स्थान पर जोड़ा जा सके। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि समय पर सर्जरी न होती, तो अंगुली को बचाया नहीं जा सकता था।
सज्जन कुमार और रेलवे अस्पताल की सराहनीय भूमिका
इस पूरे प्रकरण में रेलवे अस्पताल से जुड़े श्री सज्जन कुमार की भी विशेष भूमिका रही। चूंकि NSZ अस्पताल में सोमवार से पूर्व कोई ऑर्थोपेडिक सर्जन उपलब्ध नहीं था, अतः नर्मदा ट्रॉमा सेंटर में इलाज कराना ही एकमात्र विकल्प था। त्वरित निर्णय और सहयोग के चलते अंगुली को पुनः जोड़ने की प्रक्रिया संभव हो पाई।
रेलवे अस्पताल में रजिस्ट्रेशन भी करवाया गया
ऑपरेशन के उपरांत श्री अली अहमद सिद्दकी का रजिस्ट्रेशन रेलवे अस्पताल में भी पूरा किया गया, जिससे आगे के इलाज और मुआवजे की प्रक्रिया सुचारू रूप से संचालित हो सके।
संघ का तत्पर सहयोग सराहनीय
इस घटना ने एक बार फिर साबित किया कि जब रेलवे कर्मचारी किसी आपात स्थिति में होते हैं, तब संघीय प्रतिनिधि, कंट्रोल ऑफिस और चिकित्सा तंत्र मिलकर जीवन रक्षक भूमिका निभाते हैं। वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ द्वारा समय पर सहायता उपलब्ध कराना न केवल सराहनीय है, बल्कि यह अन्य कर्मचारियों के लिए भी एक प्रेरणा है कि वे संकट की घड़ी में अकेले नहीं हैं।
इटारसी के लोको पायलट अली अहमद सिद्दकी के साथ ड्यूटी के दौरान बड़ा हादसा — उंगली 80% तक कट गई, नर्मदा ट्रॉमा सेंटर में हुआ ऑपरेशन
