
भोपाल: श्रम विभाग द्वारा जारी किए गए नए आदेश के तहत 20 या अधिक कर्मचारियों वाले कारखानों और वाणिज्यिक संस्थानों को 30 नवम्बर 2025 तक बोनस भुगतान करना अनिवार्य है। इस आदेश का आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ के प्रांताध्यक्ष अनिल बाजपेई और सार्वजनिक उपक्रम संघ के प्रांताध्यक्ष अरुण वर्मा ने श्रमिकों के हित में स्वागत किया।
बोनस अधिनियम, 1965 के तहत श्रमिकों को समय पर बोनस का भुगतान करना न केवल कानूनी दायित्व है बल्कि श्रमिकों के लिए आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने वाला महत्वपूर्ण कदम भी है। श्रमिक नेता अनिल बाजपेई और अरुण वर्मा ने निगम मंडल, सहकारी संस्थाओं, निजी संस्थाओं, बोर्ड और परिषदों के प्रबंध संचालकों से आग्रह किया है कि वे अपने कर्मचारियों और श्रमिकों को समय पर बोनस का भुगतान करें।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसी संस्थान द्वारा बोनस का भुगतान नहीं किया गया, तो श्रम विभाग को शिकायत दर्ज कराई जाएगी और इसके लिए प्रबंधन को पूरी जिम्मेदारी तय करनी होगी। आवश्यक होने पर, श्रमिक संगठन धरना प्रदर्शन और अन्य कानूनी कार्रवाई भी करेंगे।
श्रम विभाग का यह आदेश श्रमिकों के अधिकारों को सुनिश्चित करने और उनकी आय को समय पर सुनिश्चित करने की दिशा में अहम कदम है। वरिष्ठ कर्मचारी नेता बाजपेई और वर्मा ने स्पष्ट किया कि बोनस का भुगतान न करने वाले संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी, और प्रबंधन को अपने दायित्वों का पालन करना अनिवार्य है।





