वंदे मातरम गीत के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर अखिल भारतीय कला मंदिर संस्था द्वारा भोपाल में भव्य देशभक्ति काव्य गोष्ठी आयोजित की गई। सुप्रसिद्ध साहित्यकारों, प्रशासनिक अधिकारियों और ओजपूर्ण कवियों की उपस्थिति में हुआ यह आयोजन राष्ट्रभक्ति की भावनाओं से सराबोर रहा।
भोपाल। वंदे मातरम गीत की 150वीं वर्षगांठ पर अखिल भारतीय कला मंदिर संस्था ने 15 नवंबर 2025 को विश्व संवाद केंद्र, शिवाजी नगर में देशभक्ति काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. गौरीशंकर शर्मा ‘गौरीश’ ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री मनोज श्रीवास्तव (IAS) उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में निराला सृजन पीठ की निदेशक डॉ. साधना बलवटे, राष्ट्रीय ओज कवि श्री मदन मोहन ‘समर’ तथा संस्था के पदाधिकारी शामिल रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत वीणा विद्या द्वारा मां सरस्वती वंदना से हुई। डॉ. गौरीशंकर शर्मा ने वंदे मातरम के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए अतिथियों का स्वागत किया। मुख्य अतिथि श्री मनोज श्रीवास्तव ने वंदे मातरम की प्रत्येक पंक्ति के भावार्थ को समझाते हुए बताया कि मध्यप्रदेश शासन ने इस अमर कृति को पुनर्प्रकाशित कराया है। उन्होंने कहा कि विश्व में किसी भी राष्ट्रगान में मातृभूमि की ऐसी वंदना का उदाहरण नहीं मिलता।
ओज कवि श्री मदन मोहन ‘समर’ ने राष्ट्रगान के सम्मान पर जोर देते हुए प्रभावशाली रचनाएँ सुनाईं। हरिवल्लभ शर्मा ‘हरि’, रामबाबू शर्मा, डॉ. वंदना मिश्रा, व्ही.के. श्रीवास्तव सहित क्षेत्र के अनेक कवियों ने “राष्ट्रभावना”, “शान भारत की”, “यह भारत, मैं इसकी पुजारी” जैसी देशभक्ति कविताएँ प्रस्तुत कीं। कार्यक्रम का संचालन जया शर्मा ‘केतकी’ ने किया। अंत में हरिवल्लभ शर्मा ‘हरि’ ने आभार व्यक्त कर कार्यक्रम का समापन किया।
वंदे मातरम गीत के 150 वर्ष पूरे: कला मंदिर संस्था ने आयोजित की देशभक्ति काव्य गोष्ठी, कवियों ने सुनाई ओजपूर्ण रचनाएँ
