जोधपुर में करोड़ों का ज्योतिबा फुले छात्रावास बना पापड़ फैक्ट्री, जरूरतमंद छात्रों के हक पर कब्जा

जोधपुर । राजस्थान के जोधपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां जरूरतमंद और गरीब छात्रों की पढ़ाई व आवास के लिए करोड़ों रुपये की लागत से बनाए गए ज्योतिबा फुले छात्रावास को दबंगों ने अवैध रूप से पापड़ फैक्ट्री में तब्दील कर दिया है। छात्रावास परिसर में खुलेआम पापड़ बनाने और बेचने का कारोबार चल रहा है, जबकि जिम्मेदार सरकारी अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं।
जोधपुर जिले में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की देखरेख में निर्मित ज्योतिबा फुले छात्रावास का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को सुरक्षित आवास और पढ़ाई का बेहतर माहौल उपलब्ध कराना था। इस छात्रावास पर सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च किए, ताकि अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के छात्र शिक्षा से वंचित न रहें।
लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। स्थानीय दबंगों ने छात्रावास भवन पर कब्जा कर वहां पापड़ निर्माण का अवैध व्यवसाय शुरू कर दिया है। छात्रावास के कमरों, रसोई और खुले परिसर में पापड़ सुखाए जा रहे हैं, जिससे न केवल सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग हो रहा है बल्कि छात्रों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है।
सबसे गंभीर सवाल यह है कि यह सब कुछ प्रशासन की जानकारी में होने के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कई बार शिकायत करने के बाद भी प्रशासनिक अफसरों ने आंखें मूंद रखी हैं। इससे सरकारी तंत्र की कार्यशैली और जवाबदेही पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा होता है।
शिक्षा और सामाजिक संगठनों का कहना है कि यदि समय रहते छात्रावास को कब्जामुक्त नहीं कराया गया, तो जरूरतमंद छात्रों का भरोसा सरकारी योजनाओं से पूरी तरह उठ जाएगा। मांग की जा रही है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और छात्रावास को तत्काल छात्रों के लिए पुनः संचालित किया जाए।
जोधपुर का यह मामला केवल एक छात्रावास का नहीं, बल्कि सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग और प्रशासनिक उदासीनता का बड़ा उदाहरण बन चुका है। अब देखना होगा कि सरकार कब तक इस गंभीर मामले पर ठोस कदम उठाती है।



