मध्यप्रदेश विधानसभा में गूंजा जनजाति कार्य विभाग के अस्थाई कर्मचारियों का मुद्दा

विधायकों ने नियमितीकरण नीति पर सरकार से मांगा स्पष्ट जवाब

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के आगामी सत्र में जनजाति कार्य विभाग के दैनिक वेतनभोगी और अंशकालीन कर्मचारियों का मुद्दा जोरदार तरीके से उठने वाला है। विधायक श्याम बरड़े और कंचन मुकेश तनवे ने इन कर्मचारियों के नियमितीकरण और सातवें वेतनमान, अनुकंपा नियुक्ति तथा पेंशन लाभ जैसे प्रमुख मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगते हुए 4 दिसंबर 2025 को विधानसभा में प्रश्न प्रस्तुत करने की घोषणा की है। मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच ने दोनों विधायकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पहली बार विधानसभा में इस वर्ग के अधिकारों पर इतने प्रभावी तरीके से प्रश्न उठाए जा रहे हैं। मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि विधायकों ने सरकार से पूछा है कि जनजाति कार्य विभाग में दैनिक वेतनभोगी और अंशकालीन कर्मचारियों के नियमितीकरण की नीति अब तक क्यों नहीं बनी, और यदि बनी है तो उसे सदन में प्रस्तुत किया जाए।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विभाग में वर्षों से कार्यरत अंशकालीन कर्मचारियों की संख्या, उनकी सेवा अवधि और न्यायालयों के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद नियमितीकरण प्रक्रिया लंबित है। कर्मचारी मंच ने निर्णय लिया है कि 1 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में सभी विधायकों को ज्ञापन सौंपकर अस्थायी कर्मचारियों की समस्याओं को ध्यानाकर्षण के माध्यम से सदन में उठाने की मांग की जाएगी तथा इस संबंध में मुख्यमंत्री को अनुशंसा सहित पत्र भी भेजा जाएगा।

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