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आईसेक्ट ने लॉन्च किया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लिटरेसी मिशन, 1 करोड़ युवाओं को एआई प्रशिक्षण का लक्ष्य

भोपाल। उच्च शिक्षा और कौशल विकास में अग्रणी सामाजिक उद्यम आईसेक्ट ने रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी के सहयोग से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लिटरेसी मिशन का शुभारंभ किया। यह पहल एसजीएसयू कैंपस में आयोजित कार्यक्रम के दौरान संतोष शुक्ला की पुस्तक कृत्रिम बुद्धिमता, कृत्रिम नहीं, असली क्रांति के विमोचन के साथ शुरू हुई। कार्यक्रम में आईसेक्ट के चेयरमैन संतोष चौबे, डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी, डॉ. विजय सिंह, रघु पांडे, और अन्य प्रमुख प्रतिनिधि मौजूद रहे।

एआई शिक्षा और कौशल विकास पर जोर

डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आने वाले समय की भाषा है और भारत का हर युवा इसे समझकर करियर, समाज और राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सके। आईसेक्ट का यह मिशन केवल तकनीकी प्रशिक्षण नहीं, बल्कि नवाचार, उद्यमिता और भविष्य की संभावनाओं को जागृत करने वाली राष्ट्रीय पहल है। यह पहल भारत सरकार के स्किल इंडिया मिशन और नीति आयोग के AI रोडमैप के अनुरूप है।

युवाओं के लिए प्रशिक्षण और कौशल रथ

मिशन के तहत विशेष रूप से तैयार किए गए कौशल रथों के माध्यम से पूरे देश में AI, AR और VR जैसी तकनीकों की जानकारी दी जाएगी। रथों में निःशुल्क सेमिनार, कार्यशालाएँ, करियर काउंसलिंग और तकनीकी प्रदर्शन आयोजित होंगे।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हैं:
AI उद्यमिता: स्टार्टअप्स के लिए इंक्यूबेशन और एक्सीलरेटर प्रोग्राम।
AI इनोवेशन चैलेंज: प्रतियोगिताएँ और पुरस्कार।
AI कंटेंट क्रिएशन: डिजिटल और मीडिया टूल्स में प्रशिक्षण।
AI फॉर गवर्नेंस: जनकल्याण योजनाओं में AI का उपयोग।
इंडस्ट्री एलाइंड ट्रेनिंग: रोजगार पर केंद्रित कौशल विकास।

शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी

स्कूल और कॉलेजों में AI लिटरेसी प्रोग्राम चलाए जाएंगे। आईसेक्ट के SKPs और फ्रेंचाइजी केंद्रों पर कम से कम 10 निःशुल्क AI सेमिनार आयोजित किए जाएंगे। शिक्षकों और SKPs को विशेष ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि पूरे देश में एक समान गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।
लक्ष्य: वर्ष 2030 तक 1 करोड़ युवाओं को AI शिक्षा, अनुसंधान और उद्यमिता में प्रशिक्षित करना, ताकि भारत का डिजिटल और तकनीकी भविष्य मजबूत बने।

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