नई दिल्ली/स्टॉकहोम। भारत और पाकिस्तान के बीच 2019 में हुए बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद के हालात को लेकर स्वीडन की एक प्रतिष्ठित न्यूज़ मैगज़ीन ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के अमेरिकी F-16 लड़ाकू विमान को मार गिराने के बाद अमेरिका को तुरंत इसकी जानकारी मिल गई थी, और इसके बाद हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए थे।
भारत की आक्रामक सैन्य तैयारी
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जैसे ही भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान पाकिस्तान के कब्जे में गए, भारत ने ब्रह्मोस मिसाइलों को लॉन्चिंग के लिए तैयार कर लिया था। भारत का सैन्य रणनीतिक प्लान था कि यदि अभिनंदन को कोई नुकसान पहुँचाया गया, तो पाकिस्तानी एयरफोर्स के प्रमुख ठिकानों को रातों-रात नष्ट कर दिया जाएगा।
अमेरिका की त्वरित चेतावनी
अमेरिका को भारतीय प्रतिक्रिया की भनक मिलते ही उसने पाकिस्तान को चेताया कि यदि अभिनंदन को कोई नुकसान हुआ, तो भारत को रोकना असंभव होगा। साथ ही अमेरिका ने यह भी धमकी दी कि युद्ध की स्थिति में वह F-16 विमानों के इंजन को रिमोटली लॉक कर देगा, जिससे पाकिस्तान की वायुसेना पूरी तरह निष्क्रिय हो जाएगी।
वैश्विक कूटनीतिक हस्तक्षेप
तनाव को देखते हुए पाकिस्तान के तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा ने UAE से मध्यस्थता की गुहार लगाई। रिपोर्ट में कहा गया है कि अरब देशों ने भारत को एक रात इंतजार करने की सलाह दी और पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि वह बिना किसी शर्त के पायलट को रिहा करे।
अमेरिका और रूस ने भी पाकिस्तान से संवाद कर यह सुनिश्चित किया कि भारत के साथ युद्ध जैसी स्थिति को टाला जाए। दोपहर में ही PMO इंडिया और अरब देशों के बीच संवाद स्थापित हो गया था, जिसने पाकिस्तान पर राजनयिक दबाव और बढ़ा दिया।
चीन और टर्की का रुख
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने चीन से भारत की निगरानी कर रहे उपग्रह से रीयल-टाइम डेटा की मांग की थी, लेकिन चीन ने यह सहयोग देने से इनकार कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान ने टर्की से सहायता मांगी, जिसे टर्की ने स्पष्ट रूप से मना कर दिया और पायलट को रिहा करने की सलाह दी।
विश्व की नजर भारत पर
पूरे घटनाक्रम के दौरान, अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन समेत कई वैश्विक शक्तियों ने अपने उपग्रहों के माध्यम से भारत की सैन्य गतिविधियों पर नजर रखी, ताकि किसी भी अप्रत्याशित कदम से पहले वैश्विक शांति व्यवस्था को बचाया जा सके।
निष्कर्ष:
स्वीडिश मैगजीन की रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि 2019 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात बनने की पूरी संभावना थी। हालांकि, भारत की मजबूत सैन्य तैयारी, कूटनीतिक दबाव और वैश्विक ताकतों के सक्रिय हस्तक्षेप के चलते टकराव को रोका जा सका। यह प्रकरण न केवल भारत की रणनीतिक क्षमता को दर्शाता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की अहमियत को भी रेखांकित करता है।
बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भारत-पाक तनाव पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: स्वीडिश मैगजीन का बड़ा खुलासा
