
मंडी बोर्ड ने जारी किए कड़े निर्देश, दोषियों पर होगी FIR और अनुज्ञप्ति रद्द
भोपाल,। मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन (मंडी) बोर्ड ने मंडी शुल्क अपवंचन और फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर कृषि उपज के अवैध परिवहन के मामलों पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बोर्ड के संज्ञान में यह बात आई है कि कुछ व्यापारी और परिवहनकर्ता अधिसूचित कृषि उपज, विशेषकर मूंगफली का अवैध परिवहन कर रहे हैं तथा फर्जी बिल, बिल्टी और अनुज्ञापत्रों के माध्यम से राजस्व की चोरी की जा रही है।
ग्वालियर, सागर और जबलपुर संभागों में उजागर हुए कई मामले
मंडी बोर्ड के अनुसार ग्वालियर-चंबल, सागर और जबलपुर संभागों से ऐसे अनेक प्रकरण सामने आए हैं, जिनमें बिना मंडी शुल्क जमा किए फर्जी दस्तावेज़ों से कृषि उपज का परिवहन किया गया। मंडी समितियों और आंचलिक कार्यालयों के उड़नदस्ता दलों द्वारा निरीक्षण के दौरान इन प्रकरणों का खुलासा हुआ है।
प्रशमन शुल्क से आगे बढ़कर दंडात्मक कार्रवाई का निर्देश
मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री कुमार पुरुषोत्तम ने सभी आंचलिक संयुक्त संचालकों के साथ समीक्षा बैठक में स्पष्ट कहा कि जिन मामलों में कूटरचना कर मंडी दस्तावेज़ों में हेराफेरी की गई है और मंडी समिति को आर्थिक नुकसान हुआ है, उनमें केवल प्रशमन शुल्क लेकर कार्रवाई समाप्त करना पर्याप्त नहीं है। ऐसे प्रकरणों में वैधानिक और दंडात्मक कार्यवाही अनिवार्य है।
QR कोड से अनुज्ञापत्र की जांच अनिवार्य
निर्देशों के अनुसार कृषि उपज के परिवहन के दौरान अनुज्ञापत्र के QR कोड को स्कैन कर उसकी प्रमाणिकता की जांच की जाएगी।
यदि अनुज्ञापत्र फर्जी या कूटरचित पाया जाता है, तो धारा 53 के अंतर्गत प्रशमन न किया जाए,मंडी अधिनियम की धारा 23 के तहत कृषि उपज को अभिग्रहीत (seize) किया जाए, संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध FIR दर्ज की जाए, दोषी व्यापारियों की अनुज्ञप्ति रद्द की जाए, और मंडी शुल्क एवं निराश्रित शुल्क की पूर्ण वसूली सुनिश्चित की जाए।
लापरवाही पर तय होगी जवाबदेही
मंडी बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में यदि किसी स्तर पर लापरवाही या शिथिलता पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी।



