एम्स की अभिनव पहल
फिज़ियोलॉजी विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को समग्र चिकित्सा की वैज्ञानिक दृष्टि से कराया परिचय

भोपाल। स्वास्थ्य केवल रोगमुक्ति नहीं, बल्कि शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन का परिणाम है, इसी विचार को मूर्त रूप देते हुए एम्स भोपाल ने योग और माइंड-बॉडी मेडिसिन को चिकित्सा शिक्षा से जोड़ने की दिशा में एक उल्लेखनीय पहल की है। एम्स के फिज़ियोलॉजी विभाग के अतिरिक्त प्राध्यापक डॉ. वरुण मल्होत्रा और डॉ. रेखा जीवणे को गवर्नमेंट होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, भोपाल द्वारा आयोजित सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम में 250 से अधिक स्नातक विद्यार्थी उपस्थित रहे। आयोजन की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. एस.के. मिश्रा ने की, जबकि समन्वयन डॉ. जूही गुप्ता (सह-प्राध्यापक, फिजियोलॉजी एवं बायोकैमिस्ट्री) द्वारा किया गया।
माइंड-बॉडी कनेक्शन का वैज्ञानिक आधार
डॉ. वरुण मल्होत्रा ने तनाव की शरीरक्रिया और माइंड-बॉडी कनेक्शन: समग्र चिकित्सा का वैज्ञानिक आधार विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने श्वसन अभ्यासों के हृदय गति परिवर्तनीयता, EEG पैटर्न और स्वायत्त तंत्रिका संतुलन पर प्रभावों को वैज्ञानिक रूप से समझाया। एम्स में किए गए शोधों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि योग और ध्यान आधारित हस्तक्षेपों से टाइप-2 मधुमेह, तनाव और भावनात्मक नियंत्रण में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उनके सत्र का मुख्य आकर्षण रहा नीचा नेचुरल चेक एच आर वी मशीन का लाइव डेमो, जिसमें छात्र स्वयंसेवक के श्वसन पैटर्न में आए बदलावों को वास्तविक समय में प्रदर्शित किया गया।
ऑटोनॉमिक फंक्शन टेस्ट पर विशेषज्ञ व्याख्यान
डॉ. रेखा जीवणे ने ऑटोनॉमिक फंक्शन टेस्ट और उनके नैदानिक अनुप्रयोग” विषय पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने Ewing Battery Tests, HRV विश्लेषण और स्वायत्त तंत्रिका तंत्र की नैदानिक प्रासंगिकता को सरल भाषा में समझाया।
प्रेरणादायक समापन
कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों को Law of Success पुस्तिकाएं और Autobiography of a Yogi भेंट की गईं, ताकि वे चिकित्सा के साथ आध्यात्मिक दृष्टि से भी समग्र स्वास्थ्य को अपनाएं। समापन सत्र में विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक प्रश्न पूछे और योग-आधारित चिकित्सा पद्धतियों के प्रति गहरी रुचि दिखाई। यह आयोजन एम्स भोपाल और गवर्नमेंट होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज भोपाल के बीच अकादमिक सहयोग और समग्र चिकित्सा के एकीकरण की दिशा में एक सराहनीय प्रयास सिद्ध हुआ।