नागरिकों की जागरूकता बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं सस्टेनेबल वेस्ट मैनेजमेंट मॉडल
भोपाल । कचरा कैफे जैसे नवाचार नागरिकों में कचरे को बोझ नहीं बल्कि संसाधन के रूप में देखने की समझ और जागरूकता विकसित कर रहे हैं। यह बात स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के मिशन संचालक श्री मनीष जून ने कही। वे रविवार को महापौर श्रीमती मालती राय की उपस्थिति में नगर निगम भोपाल द्वारा संचालित कचरा कैफे और विभिन्न कचरा प्रबंधन इकाइयों के निरीक्षण के दौरान बोल रहे थे।
कचरा प्रबंधन के नवाचारों की सराहना
निरीक्षण के दौरान मिशन संचालक श्री जून ने नगर निगम भोपाल द्वारा अपनाए गए सस्टेनेबल कचरा प्रबंधन मॉडल और कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों की सराहना की। उन्होंने कहा कि कचरा कैफे जैसी पहल न केवल स्वच्छता को बढ़ावा देती है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित करती है। इस अवसर पर महापौर श्रीमती मालती राय ने रिसाईकिल हब में तैयार किए गए उत्पाद मिशन संचालक को भेंट किए।
गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन, रिसाईकिल प्लांट और भानपुर खंती का निरीक्षण
मिशन संचालक मनीष जून ने भोपाल शहर के विभिन्न क्षेत्रों में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन, रिसाईकिल प्लांट, भानपुर स्थित पुरानी डम्प साइट (खंती) के रेमिडियेशन कार्य का गहन निरीक्षण किया और कचरा संग्रहण, पृथक्कीकरण, परिवहन और निष्पादन की प्रक्रिया की जानकारी ली।
रिसाईकिल हब में बने उत्पादों का अवलोकन
निरीक्षण क्रम में श्री जून ने दानापानी गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन स्थित रिसाईकिल हब में थर्माकोल रिसाईकिल प्लांट, नारियल के खोल (कोकोनट) से उत्पाद निर्माण इकाई का निरीक्षण कर वहां बनाए जा रहे विभिन्न उत्पादों को देखा। इसके अतिरिक्त अन्ना नगर स्थित टेक्सटाइल रिसाईकिल प्लांट में अनुपयोगी कपड़ों से बनाए जा रहे उत्पादों का भी अवलोकन किया।
भानपुर खंती रेमिडियेशन और हरित विकास
मिशन संचालक ने भानपुर की पुरानी डम्प साइट के रेमिडियेशन कार्य के बाद विकसित की गई कचरा-मुक्त भूमि और हरित क्षेत्र का अवलोकन किया। उन्होंने इसे शहरी पर्यावरण सुधार की दिशा में एक उल्लेखनीय उपलब्धि बताया।
सी.एंड डी. वेस्ट रिसाईकिल प्लांट का निरीक्षण
श्री जून ने कजलीखेड़ा में स्थित 100 टन प्रतिदिन क्षमता वाले सी.एंड डी. वेस्ट रिसाईकिल प्लांट का भी निरीक्षण किया और निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट से बनाए जा रहे नवीन उत्पादों की जानकारी प्राप्त की।
कचरा पृथक्कीकरण को बताया सबसे अहम
मिशन संचालक मनीष जून ने कहा कि कचरा प्रबंधन का मूल आधार कचरा पृथक्कीकरण है। यदि इस प्रक्रिया को और सुदृढ़ किया जाए, तो कचरा प्रबंधन के परिणाम कहीं अधिक प्रभावी होंगे। छोटे-छोटे लेकिन निरंतर किए गए प्रयास दीर्घकालीन सकारात्मक परिणाम देते हैं।”
सीवेज प्रबंधन व्यवस्था का भी हुआ निरीक्षण
स्वच्छ भारत मिशन के अन्य दल ने नगर निगम भोपाल की सीवेज प्रबंधन व्यवस्था,
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों से उपचारित जल के उपयोग,डिस्लज वाहनों के संचालन
और उद्यमी योजना के अंतर्गत हितग्राहियों से संवाद कर व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त की। इस दौरान प्रभारी मुख्य अभियंता श्री उदित गर्ग, कार्यपालन यंत्री श्री आर.के. त्रिवेदी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
कचरा कैफे जैसे नवाचारों से कचरे को संसाधन मानने की सोच को मिल रहा बढ़ावा
