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भोपाल में लू का बढ़ता खतरा: सीएमएचओ ने जारी की हीट स्ट्रोक एडवाइजरी, स्वास्थ्य संस्थाएं अलर्ट मोड पर

भोपाल ।  मध्यप्रदेश में बढ़ते तापमान को देखते हुए भोपाल स्वास्थ्य विभाग ने हीट स्ट्रोक (लू) को लेकर एडवाइजरी जारी की है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि गर्मी के मौसम में लू जानलेवा हो सकती है, इसलिए भोपाल सहित पूरे जिले में स्वास्थ्य संस्थानों को अलर्ट पर रखा गया है।

हीट स्ट्रोक से निपटने के लिए अस्पतालों में विशेष इंतजाम

स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी के अनुसार:

सरकारी और निजी अस्पतालों को लू से पीड़ित मरीजों के लिए विशेष बेड आरक्षित करने के निर्देश दिए गए हैं।

ओपीडी में आने वाले मरीजों की लू से जुड़े लक्षणों की जांच अनिवार्य की गई है।

वार्डों में कूलर और ठंडक की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

मरीजों को सुबह 9 बजे से पहले या शाम 4 बजे के बाद डिस्चार्ज करने की सिफारिश की गई है।

हीट से जुड़ी बीमारियों की रिपोर्टिंग के लिए आईएचआईपी पोर्टल पर डेटा अपलोड अनिवार्य किया गया है।

क्या है हीट स्ट्रोक? जानिए लक्षण और खतरे

हीट स्ट्रोक एक गंभीर स्थिति होती है, जिसमें शरीर का तापमान 104°F या उससे अधिक तक पहुंच जाता है। यदि समय रहते इलाज न हो तो इससे किडनी फेलियर या मृत्यु तक हो सकती है।

लक्षणों में शामिल हैं:

तेज बुखार, मुंह सूखना, पसीना न आना

चक्कर, उल्टी, शरीर दर्द, सिर दर्द

अधिक प्यास लगना, पेशाब में कमी

भूख में गिरावट और बेहोशी


त्वरित पहचान और उपचार से बीमारी की गंभीरता को काफी हद तक रोका जा सकता है।


लू से बचाव के उपाय: क्या करें और क्या न करें

क्या करें:

तेज धूप से बचें, सिर व कान को ढकें

ढीले और हल्के सूती कपड़े पहनें

अधिक से अधिक पानी, लस्सी, मठ्ठा, फलों का रस, ओआरएस का सेवन करें

धूप में चश्मा, टोपी, छाता और जूते पहनना अनिवार्य


क्या न करें:

खाली पेट घर से न निकलें

धूप में व्यायाम या भारी श्रम से बचें

बच्चों और पालतू जानवरों को कभी भी बंद गाड़ी में अकेला न छोड़ें

चाय, कॉफी, अधिक मीठा या सोडा जैसे पेय पदार्थों से परहेज़ करें


लू लगने पर करें ये प्राथमिक उपचार

रोगी को छांव में ले जाकर कपड़े ढीले करें और ठंडी हवा करें

होश न होने पर कुछ भी खाने-पीने को न दें

ठंडे पानी से स्नान कराएं या ठंडी पट्टियां पूरे शरीर पर रखें

तेज बुखार, उल्टी या बेहोशी की स्थिति में तुरंत नजदीकी अस्पताल जाएं


ORS-जिंक कॉर्नर: पानी और पोषण दोनों का समाधान

भोपाल जिले की सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में ORS-जिंक कॉर्नर स्थापित किए गए हैं। यहां ORS घोल की उपलब्धता के साथ-साथ उसके उपयोग और लाभ के बारे में जानकारी दी जा रही है। ORS शरीर में पानी और नमक की कमी को पूरा करता है और डायरिया के प्रभाव को भी कम करता है।


CMHO डॉ. तिवारी ने दी चेतावनी: गर्मी में ये बीमारियां तेजी से फैलती हैं

डॉ. तिवारी के अनुसार, गर्मी में हीट एक्सॉश्न, हीट क्रैम्प्स, हीट रैश, रैबडोमायोलिसिस जैसी स्थितियां आम हो जाती हैं। इसके लिए जिले की सभी संस्थाओं में नेशनल एक्शन प्लान ऑन हीट रिलेटेड इलनेस के अनुरूप संपूर्ण तैयारी की गई है।

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