
Maheshwar . मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के ऐतिहासिक शहर महेश्वर में आज मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनके मंत्रिमंडल ने लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कैबिनेट की विशेष बैठक आयोजित की। यह बैठक महेश्वर के ऐतिहासिक महत्व और देवी अहिल्याबाई के जनहितकारी शासन की प्रेरणा को समर्पित रही।
देवी अहिल्याबाई: सादगी और जनसेवा की प्रतिमूर्ति
महेश्वर में शासन चलाने वाली देवी अहिल्याबाई होलकर का जीवन सादगी और शिवभक्ति का प्रतीक था। उन्होंने न केवल इंदौर स्टेट का कुशलता से संचालन किया, बल्कि देशभर में तीर्थ स्थलों पर मंदिर, घाट और धर्मशालाओं का निर्माण कराया। उनके शासनकाल में राजा-शाही ऐश्वर्य के स्थान पर जनहितकारी फैसलों को प्राथमिकता दी गई।
कैबिनेट बैठक की प्रमुख झलकियां:
1. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मंत्रिमंडल के सदस्यों ने महेश्वर किले में स्थित लोकमाता देवी अहिल्याबाई की प्रतिमा और राजगादी का दर्शन किया।
2. नर्मदा अहिल्या घाट पर मां नर्मदा जी का पूजन-अर्चन कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना की गई।
3. ऐतिहासिक बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा और मंजूरी दी गई।
4. वंदे मातरम गायन के साथ बैठक की शुरुआत की गई।
देवी अहिल्याबाई के आदर्शों से प्रेरणा
मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल ने देवी अहिल्याबाई के न्याय, परोपकार और समाजसेवा के आदर्शों का स्मरण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बैठक भविष्य के लिए प्रेरणा का कार्य करेगी और प्रदेश को सशक्त बनाने के लिए नए फैसलों का मार्ग प्रशस्त करेगी।
महेश्वर में आयोजित यह विशेष कैबिनेट बैठक न केवल प्रदेश के विकास को नई दिशा देगी, बल्कि लोकमाता अहिल्याबाई की सादगी और जनसेवा के आदर्शों का अनुसरण करते हुए जनता के कल्याण के लिए प्रेरित करेगी।
