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हरिद्वार में इंसानियत शर्मसार: मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला को चोर समझकर खंभे से बांधा, भीड़ ने बेरहमी से पीटा

हरिद्वार (उत्तराखंड)। देवभूमि उत्तराखंड से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने समाज की संवेदनशीलता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। हरिद्वार जिले के रानीपुर कोतवाली क्षेत्र स्थित लेबर कॉलोनी में एक 50 वर्षीय मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला के साथ भीड़ द्वारा की गई बर्बरता ने इंसानियत को तार-तार कर दिया। भटकते हुए गलती से एक घर में घुस जाने पर महिला को चोर या घुसपैठिया समझ लिया गया और बिना सच्चाई जाने उसे बिजली के खंभे से बांधकर बेरहमी से पीटा गया।

भटकते हुए घर में घुसी, बन गई भीड़ के गुस्से का शिकार

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, महिला मानसिक रूप से अस्वस्थ थी और इधर-उधर भटक रही थी। इसी दौरान वह गलती से एक घर में चली गई। घर वालों ने शोर मचाया तो आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। भीड़ ने कानून हाथ में लेते हुए महिला को पकड़ लिया, उसे खंभे से बांधा और जमकर मारपीट की। वीडियो और तस्वीरें सामने आने के बाद घटना ने तूल पकड़ लिया।

कानून व्यवस्था पर सवाल, पुलिस देर से पहुंची

स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते पुलिस को सूचना दी जाती, तो इस अमानवीय कृत्य से बचा जा सकता था। सवाल यह भी उठ रहा है कि भीड़ को सजा देने का अधिकार किसने दिया? कानून होते हुए भी इस तरह का व्यवहार समाज में बढ़ती असहिष्णुता को दर्शाता है।

मानसिक रोग कोई अपराध नहीं

विशेषज्ञों का कहना है कि मानसिक बीमारी कोई अपराध नहीं है। ऐसे लोगों के साथ सहानुभूति और इलाज की जरूरत होती है, न कि मारपीट की। इस घटना ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम अब भीड़तंत्र की ओर बढ़ रहे हैं?

प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग

घटना के सामने आने के बाद प्रशासन और पुलिस पर दबाव बढ़ गया है। सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई और पीड़ित महिला के समुचित इलाज व पुनर्वास की मांग की है।

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