गोहद, मध्यप्रदेश । एक ऐतिहासिक शहर, जिसे रानाओं की शौर्यगाथा और वैभवशाली विरासत ने गौरवशाली पहचान दी। पर आज वही गोहद, अव्यवस्था और उपेक्षा की गिरफ्त में जूझ रहा है। 21वीं सदी की जरूरतें हैं लेकिन व्यवस्थाएं अब भी पिछली सदी की मानसिकता पर टिकी हैं।
आज सवाल सिर्फ विरासत का नहीं, जीवन की गुणवत्ता का है। गोहद की बढ़ती आबादी (1 लाख से अधिक) के बावजूद शहरी प्रबंधन का ढांचा महज़ 25 हजार की जरूरतों के आसपास सिमटा हुआ है। नतीजा — शहर जाम, जलभराव, गंदगी, अव्यवस्थित ट्रैफिक और नागरिक असुविधाओं का प्रतीक बन चुका है।
हर दिन की त्रासदी — गोहद की ज़मीनी सच्चाई
एम्बुलेंस तक जाम में फँसी रहती है, समय पर अस्पताल पहुँचना मुश्किल है । बरसात में गलियाँ तालाब बन जाती हैं, लोग घरों में कैद हो जाते हैं। मच्छर और गंदगी से डेंगू-मलेरिया जैसे रोग बढ़ रहे हैं। मिट्टी और धूल भरी टूटी सड़कों पर चलना जोखिम भरा है। व्यापारी वर्ग तक ग्राहक नहीं पहुँच पा रहे, रोज़गार प्रभावित हो रहा है। हर मोहल्ला और हर नागरिक अव्यवस्था से त्रस्त है
समाधान सिर्फ एक “मास्टर प्लान 2031” का अविलंब क्रियान्वयन
मास्टर प्लान 2031 एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तैयार की गई योजना है, जो गोहद को एक व्यवस्थित, सुरक्षित और समृद्ध नगरी में बदलने का रोडमैप है।
मास्टर प्लान के प्रमुख लाभ:
आवासीय और व्यवसायिक क्षेत्रों का स्पष्ट निर्धारण, सुगठित ट्रैफिक और पार्किंग व्यवस्था, जलभराव और अतिक्रमण से स्थायी राहत, हर क्षेत्र के लिए ग्रीन ज़ोन, पार्क, खेल मैदान, स्कूल, अस्पताल निर्धारित, सुव्यवस्थित सीवरेज और जल निकासी तंत्र, नागरिक सुविधाओं का वैज्ञानिक वितरण
गोहद का गौरव, धरोहरों को पहचान दिलाने का समय है
गोहद किला, राणा महल, लक्ष्मण ताल जैसे धरोहर अभी उपेक्षा का शिकार हैं। मास्टर प्लान के तहत इन्हें संरक्षित कर पर्यटन स्थल बनाया जा सकता है। इससे स्थानीय रोजगार, पर्यटन और सांस्कृतिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी।गोहद का इतिहास फिर से जीवंत हो सकता है।
अगर आज भी हम चुप रहे, तो क्या होगा?
हमारी अगली पीढ़ियाँ पूछेंगी “जब शहर डूब रहा था, आप कहाँ थे?” भविष्य की बुनियाद खोखली रह जाएगी। अव्यवस्था स्थायी रूप से स्थापित हो जाएगी और गोहद की पहचान खो जाएगी
हम, गोहद के सजग नागरिक, प्रशासन से पाँच प्रमुख माँगें करते हैं:
1. मास्टर प्लान 2031 को अविलंब लागू किया जाए
2. अव्यवस्थित रहवासी क्षेत्रों को कानूनी रूप से नियमित किया जाए
3. सीवरेज, जलनिकासी, ट्रैफिक, ग्रीन ज़ोन और नागरिक सुविधाओं की योजना तत्काल लागू हो
4. ऐतिहासिक स्थलों को पर्यटन के रूप में विकसित किया जाए
5. प्रत्येक वार्ड व क्षेत्र में नागरिकों की भागीदारी से संवाद व सुनवाई की स्थायी व्यवस्था हो
यह आंदोलन किसी पार्टी, व्यक्ति या संस्था का नहीं — हर गोहदवासी की आत्मा की आवाज़ है। “हमारी आवाज़, हमारा अधिकार – मास्टर प्लान लागू कराओ, गोहद को संवारो!” हस्ताक्षर अभियान और जनचौपाल जारी है… अपने वार्ड, मोहल्ले और नगर में जनसमर्थन फैलाएं!
अब वक्त है एकजुट होने का, गोहद के भविष्य को बचाने का। आइए, साथ चलें — मास्टर प्लान को वास्तविकता बनाएं।
गोहद को बचाना है, तो अब मास्टर प्लान लागू कराना है!
