
नागपुर। शहर की एक दर्दनाक घटना ने इंसानियत को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। सड़क पर पत्नी ने तड़पते हुए दम तोड़ दिया और उसका रोता-बिलखता पति बार-बार मदद की गुहार लगाता रहा, लेकिन किसी ने उसकी पुकार नहीं सुनी।
बाइक पर बांधकर ले जानी पड़ी पत्नी की लाश
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, महिला की हालत बिगड़ने पर पति ने आसपास के लोगों से सहायता मांगी, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। अंततः उसे मजबूर होकर पत्नी के शव को बाइक पर बांधकर ले जाना पड़ा।
समाज की संवेदनहीनता पर बड़ा सवाल
यह घटना न सिर्फ एक परिवार की निजी त्रासदी है, बल्कि यह हमारे समाज की घटती संवेदनशीलता का भी आईना है। मदद की पुकार पर मुंह मोड़ लेना और दर्द में तड़पते इंसान को नजरअंदाज करना, सामाजिक रिश्तों और मानवीय मूल्यों के पतन को दर्शाता है।
जरूरत है मानवीयता की पुनः स्थापना की
ऐसे हादसे इस बात की ओर इशारा करते हैं कि तकनीकी प्रगति और भौतिक सुविधाओं के बीच कहीं न कहीं मानवता और करुणा खोती जा रही है। जरूरत है कि हम संवेदनशील बनें और संकट में फंसे लोगों की मदद के लिए आगे आएं, ताकि किसी और को ऐसी मजबूरी न झेलनी पड़े।




