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मध्यप्रदेश में ऐतिहासिक शराबबंदी: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के फैसले का दतिया में भव्य स्वागत

दतिया ।  प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा देव स्थलों पर शराबबंदी के ऐतिहासिक निर्णय के बाद दतिया शहर में उनके सम्मान में भव्य स्वागत समारोह आयोजित किया गया। इस निर्णय को लेकर जनमानस में उत्साह और समर्थन की लहर है। मुख्यमंत्री ने माँ पीताम्बरा शक्तिपीठ में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की समृद्धि और जनकल्याण की कामना की।

शराबबंदी 2025: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का ऐतिहासिक कदम

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शराब घरों को बर्बाद करती है, इसलिए प्रदेश में ऐसे पवित्र स्थलों पर शराब बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है, जहां धर्म और संस्कृति का वास है। अब तक 17 से अधिक देव स्थलों पर शराब बिक्री पूर्णत: बंद की जा चुकी है। उन्होंने जनता से बच्चों की शिक्षा और भविष्य निर्माण में धन खर्च करने की अपील की।

उन्होंने कहा, “समाज में समय-समय पर कुछ कुरीतियाँ जन्म लेती हैं – शराब, शादी में दिखावा और तेरहवीं जैसे कार्यक्रमों में अनावश्यक खर्च – इन्हें समाप्त करना समय की माँग है।”

डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया शराबबंदी को जनकल्याणकारी निर्णय

पूर्व गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यह निर्णय कांग्रेस और भाजपा की नीतियों में बुनियादी अंतर को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “जब कांग्रेस सरकार शराब को घर-घर पहुँचाने की योजना बना रही थी, उस समय भाजपा सरकार ने देव स्थलों की मर्यादा और जन भावनाओं का सम्मान करते हुए शराबबंदी लागू की।”

दतिया में मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत, जनसमर्थन की बेमिसाल तस्वीर

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दतिया आगमन पर स्थानीय नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों और सामाजिक संगठनों ने भव्य स्वागत किया। पोस्टर, बैनर, फूल मालाओं से शहर सजा हुआ था और “शराबबंदी निर्णय का स्वागत है” जैसे नारों से वातावरण गूंज रहा था।
माँ पीताम्बरा के दरबार में पूजा-अर्चना

मुख्यमंत्री और पूर्व गृह मंत्री ने माँ पीताम्बरा मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की और प्रदेश की शांति, समृद्धि और नशा-मुक्ति के लिए आशीर्वाद माँगा। मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे, जिन्होंने शराबबंदी निर्णय को सांस्कृतिक जागरण का प्रतीक बताया।

शराबबंदी पर जनसमर्थन और सामाजिक संदेश

दतिया की जनता, व्यापारी वर्ग, महिलाएं, युवाओं और धार्मिक संगठनों ने मुख्यमंत्री के इस साहसिक निर्णय का स्वागत किया। यह निर्णय नशामुक्त समाज की दिशा में बड़ा कदम है, जो भविष्य की पीढ़ियों को सशक्त और सुरक्षित बनाएगा।

निष्कर्ष:
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा देव स्थलों पर शराबबंदी लागू करना न केवल एक नीतिगत निर्णय है, बल्कि यह प्रदेश की संस्कृति, परंपरा और जन भावनाओं का सम्मान भी है। दतिया में हुआ स्वागत इस बात का प्रमाण है कि यह फैसला जनसमर्थन से परिपूर्ण और राजनीति से ऊपर उठकर सामाजिक चेतना से प्रेरित है

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