
सनातन इतिहास को विश्व मंच पर ले जाएगा यह परियोजना
लखनऊ । उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अयोध्या के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक वैभव को नई ऊँचाइयों पर ले जाने वाला बड़ा निर्णय लिया है। कैबिनेट ने 52 एकड़ भूमि पर भव्य राम मंदिर म्यूज़ियम स्थापित करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है। यह केवल एक संग्रहालय नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति, राम जन्मभूमि की विरासत और अयोध्या की दिव्यता को वैश्विक पहचान दिलाने वाला माइलस्टोन प्रोजेक्ट बनने जा रहा है।
52 एकड़ में विकसित होगा विश्वस्तरीय राम मंदिर म्यूज़ियम
अयोध्या में प्रस्तावित यह म्यूज़ियम अत्याधुनिक तकनीक, डिजिटल गैलरी, विरासत प्रदर्शनी और त्रेतायुग से जुड़ी ऐतिहासिक धरोहरों को एक जगह पर समेटेगा। इसमें भगवान श्रीराम के जीवन, धर्म, युद्ध, राज्य-व्यवस्था और आदर्शों को नई पीढ़ी के लिए इंटरैक्टिव तरीके से प्रस्तुत किया जाएगा।
सनातन इतिहास को मिलेगा वैश्विक मंच
राम राज्य की परंपरा, वाल्मीकि रामायण, तुलसीदास की रामचरितमानस, और अयोध्या की हजारों वर्ष पुरानी सभ्यता—सभी को विश्व स्तर पर प्रदर्शित करने का यह अनोखा अवसर है। म्यूज़ियम में अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए विशेष व्याख्या केंद्र, धार्मिक अध्ययन सामग्री और सांस्कृतिक प्रदर्शन स्थल भी बनेंगे।
अयोध्या की दैवीय पहचान का भव्य पुनर्जागरण
राम मंदिर निर्माण, दीपोत्सव के विश्व रिकॉर्ड, और अब भव्य राम मंदिर म्यूज़ियम, इन सभी कदमों से अयोध्या केवल सज नहीं रही, बल्कि अपनी दिव्य महिमा में पुनः उदित हो रही है। यह विकास अयोध्या को भारत की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में स्थापित करेगा।
पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा बड़ा लाभ
इस परियोजना के बनने से अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन में कई गुना वृद्धि होने की संभावना है। होटल, परिवहन, स्थानीय हस्तशिल्प, सांस्कृतिक आयोजन और धार्मिक पर्यटन के नए अवसर खुलेंगे, जिससे हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा।



