
प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक निर्णय देते हुए फर्जी SC/ST एक्ट के मामलों पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने प्रयागराज की दलित महिला रामकली और उसकी दो बहुओं सविता व कविता को 4 लाख 50 हजार रुपये का मुआवजा वापस लौटाने का आदेश दिया है।
मामले के अनुसार रामकली और उसकी बहुओं ने मिलकर कुल 19 लोगों के खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत झूठा मुकदमा दर्ज कराया था। जांच के दौरान पुलिस और कोर्ट दोनों ने पाया कि आरोप पूरी तरह निराधार और मनगढ़ंत थे। इस पर न्यायालय ने न केवल मुआवजे की रकम लौटाने का निर्देश दिया, बल्कि तीनों महिलाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के भी आदेश जारी किए हैं।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि SC/ST एक्ट जैसे गंभीर कानून का दुरुपयोग समाज में जातीय विभाजन और निर्दोषों के जीवन को बर्बाद कर सकता है। ऐसे मामलों में कठोर दंड आवश्यक है ताकि भविष्य में कोई व्यक्ति झूठे आरोप लगाने की हिम्मत न करे।
इस फैसले को पूरे प्रदेश में एक नज़ीर के रूप में देखा जा रहा है। न्यायिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय कानून के दुरुपयोग पर रोक लगाने की दिशा में बड़ा कदम है और इससे समाज में न्यायिक व्यवस्था के प्रति विश्वास और मजबूत होगा।



