हरियाणा बोर्ड रिजल्ट 2025: 18 सरकारी स्कूलों में 12वीं कक्षा का शर्मनाक परिणाम, एक भी छात्र पास नहीं, शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

हरियाणा की शिक्षा व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। हाल ही में जारी हरियाणा बोर्ड 12वीं रिजल्ट 2025 के आंकड़ों ने चौंका कर रख दिया है। राज्य के 18 सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जहां से एक भी छात्र 12वीं की परीक्षा पास नहीं कर सका। यह हालात दर्शाते हैं कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा की स्थिति कितनी चिंताजनक हो चुकी है।

100 सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले सरकारी स्कूलों की सूची में शामिल इन 18 स्कूलों में से सबसे अधिक स्कूल नूंह जिले (6 स्कूल) और फरीदाबाद जिले (4 स्कूल) से हैं। यह आंकड़े हरियाणा की सरकारी शिक्षा व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर करते हैं, जहां लाखों रुपये शिक्षकों की सैलरी पर खर्च होने के बावजूद परिणाम बेहद निराशाजनक हैं।

शिक्षा व्यवस्था पर राजनीतिक सवाल भी उठने लगे हैं। कई लोगों का कहना है कि सत्ताधारी भाजपा सरकार युवाओं को शिक्षित करने की बजाय अनपढ़ बनाए रखने के एजेंडे पर चल रही है, ताकि वे सरकार के एजेंडे पर बिना सवाल किए काम करें। सोशल मीडिया पर यह सवाल भी उठ रहा है कि जिन नेताओं के बच्चे विदेशों में पढ़ाई कर रहे हैं, वे आम जनता के बच्चों की पढ़ाई को लेकर कितने गंभीर हैं?

एक यूज़र ने कटाक्ष करते हुए लिखा— “अंधेर नगरी, चौपट राजा, फेल छात्र हैं, पास करा जा।” सवाल उठ रहे हैं कि अगर सरकारी स्कूल वर्ल्ड क्लास बन चुके हैं, तो मंत्री और अफसर अपने बच्चों को इन स्कूलों में क्यों नहीं भेजते?

शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी पर भी उठे सवाल
लोगों की मांग है कि इन 18 स्कूलों के पूरे टिचिंग स्टाफ को या तो निलंबित किया जाए या उनकी एक साल की सैलरी काटी जाए, ठीक वैसे ही जैसे छात्रों का एक साल बर्बाद हुआ है। यह भी पूछा जा रहा है कि जब 60-80 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन लेने वाले शिक्षक अपेक्षित परिणाम नहीं दे पा रहे हैं, तो उनकी योग्यता की जांच क्यों नहीं की जाती?

हरियाणा शिक्षा संकट गहराता जा रहा है और ऐसे में सरकार और शिक्षा विभाग को जवाब देना होगा कि क्या वे वाकई बदलाव के लिए तैयार हैं या फिर केवल आंकड़ों के खेल में छात्रों का भविष्य दांव पर लगाते रहेंगे।

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