
जनता दल (यू) ने भारत रत्न की मांग के साथ चलाया हस्ताक्षर अभियान
झाबुआ (मध्य प्रदेश)। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाज सुधारक, समाजवादी चिंतक एवं जनता दल के पूर्व सांसद मामा बालेश्वर दयाल जी की 27वीं पुण्यतिथि के अवसर पर 26 दिसंबर को भील आश्रम, बामनिया (जिला झाबुआ) में भव्य आदिवासी महाकुंभ का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक आयोजन में राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश से हजारों की संख्या में भील आदिवासी समाज, दलित एवं शोषित-वंचित वर्ग के लोग शामिल हुए और मामा जी को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
25 दिसंबर की संध्या से शुरू हुआ श्रद्धा और भक्ति का मेला
मामा बालेश्वर दयाल जी की समाधि स्थल पर 25 दिसंबर की संध्या से ही विशाल मेला प्रारंभ हो गया था, जो पूरी रात भजन-कीर्तन, धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के रूप में चलता रहा। समाधि स्थल पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ मामा जी के प्रति जन-जन की गहरी आस्था और श्रद्धा को दर्शा रही थी।
जनता दल (यू) की श्रद्धांजलि सभा, प्रदेश अध्यक्ष ने किया संबोधन
26 दिसंबर प्रातः 9 बजे जनता दल (यू), मध्य प्रदेश द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि सभा को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री सूरज जायसवाल ने संबोधित किया। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि पूरे हिंदुस्तान में बहुत कम ऐसे संत-महापुरुष हुए हैं, जिनकी समाधि स्थल पर आज भी इतनी गहरी जन-आस्था देखने को मिलती है। मामा बालेश्वर दयाल जी ने भील आदिवासी समाज और शोषित-वंचित वर्ग के उत्थान के लिए जो ऐतिहासिक कार्य किए, वे भारतीय सामाजिक आंदोलन में मील का पत्थर हैं।
मामा बालेश्वर दयाल जी को भारत रत्न देने की मांग
प्रदेश अध्यक्ष श्री जायसवाल ने मामा बालेश्वर दयाल जी के अतुलनीय सामाजिक योगदान को देखते हुए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की जोरदार मांग की। इस उद्देश्य से जनता दल (यू) द्वारा व्यापक हस्ताक्षर अभियान भी प्रारंभ किया गया, जिसमें सैकड़ों-हजारों लोगों ने मोबाइल नंबर के माध्यम से सहभागिता दर्ज कर समर्थन प्रदान किया।
शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल हो मामा जी की जीवनी
प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी मांग रखी कि मामा बालेश्वर दयाल जी की जीवनी, उनके सामाजिक, शैक्षणिक एवं आदिवासी उत्थान से जुड़े कार्यों को शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियां उनके विचारों, संघर्षों और समाज सेवा से प्रेरणा ले सकें।
प्रशासनिक व्यवस्थाओं की कमी पर जताया खेद
श्रद्धांजलि सभा के दौरान श्री जायसवाल ने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि तीन राज्यों से हजारों श्रद्धालुओं के पहुंचने के बावजूद शासन-प्रशासन की ओर से समुचित सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गईं। उन्होंने भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए बेहतर प्रशासनिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने की मांग की।
बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता रहे मौजूद
इस अवसर पर जनता दल (यू) के कई वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष भैरू सिंह डामोर, हरि ओम सूर्यवंशी, प्रदेश महासचिव शोभाल सिंह सिसोदिया, प्रदेश सचिव धर्मेंद्र तिवारी, संभागीय प्रवक्ता सतनारायण शर्मा, रतलाम जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र डामोर, झाबुआ जिला अध्यक्ष टोल सिंह भूरिया, धर्मेंद्र मेड़ा, राहुल कलर, भूरा डामोर, दिलीप व्यास, रामेश्वर सिंगर, रमेश पूनिया, ललित वसुनिया, अमर सिंह कलाल, नितेश सिंह सहित जनता दल (यू) के अनेक पदाधिकारी, कार्यकर्ता और मामा जी के अनुयायी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
ऐतिहासिक और अनुशासित आयोजन
पूरा कार्यक्रम शांतिपूर्ण, अनुशासित और ऐतिहासिक रहा। इस आयोजन ने मामा बालेश्वर दयाल जी के विचारों, संघर्षों और आदिवासी समाज के प्रति उनके समर्पण को एक बार फिर जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया।



