मध्यप्रदेश में पदोन्नति में आरक्षण के लिए सरकार का बड़ा कदम, सितंबर 2025 तक शुरू हो सकती है प्रमोशन प्रक्रिया

भोपाल, । मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के लाखों शासकीय कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए बड़ी राहत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पदोन्नति में आरक्षण (Promotion With Reservation) को लेकर नया नियम तैयार कर लिया गया है, जिसे राज्य सरकार की आगामी कैबिनेट बैठक में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। मुख्य सचिव (Chief Secretary) स्तर से इस ड्राफ्ट को स्वीकृति मिल चुकी है।
राज्य शासन की इस पहल से मप्र के लगभग 4 लाख अधिकारी-कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा, जो वर्ष 2016 से प्रमोशन प्रक्रिया के ठप होने से प्रभावित हैं। पिछले 9 वर्षों से रुकी हुई पदोन्नति प्रक्रिया अब सितंबर 2025 से दोबारा शुरू हो सकती है।
दो श्रेणियों में बनेगी पदोन्नति की सूची
नए नियम के अनुसार, प्रथम श्रेणी अधिकारियों की पदोन्नति ‘मेरिट कम सीनियरिटी’ के आधार पर की जाएगी, जबकि अन्य श्रेणियों के लिए ‘सीनियरिटी कम मेरिट’ मॉडल लागू होगा। यह फॉर्मूला सरकार द्वारा पूर्व में गठित समिति की सिफारिशों और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
पदोन्नति में आरक्षण को लेकर बना नया कानूनी ढांचा
राज्य सरकार द्वारा बनाए गए इस नए प्रमोशन रूल्स ड्राफ्ट 2025 में पदोन्नति में आरक्षण से संबंधित सभी पहलुओं को शामिल किया गया है। यह कानूनी ढांचा उन विवादों और याचिकाओं के मद्देनज़र तैयार किया गया है, जिनके चलते 2016 से पदोन्नति की प्रक्रिया पर रोक लगी हुई थी। सरकार का उद्देश्य है कि सामाजिक न्याय एवं प्रशासनिक दक्षता के बीच संतुलन कायम रखा जाए।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विभिन्न कर्मचारी संगठनों और प्रशासनिक विशेषज्ञों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका कहना है कि “लंबे समय से पदोन्नति से वंचित कर्मचारियों में रोष बढ़ रहा था, और इससे कार्यक्षमता पर भी असर पड़ रहा था। यदि सरकार सितंबर से प्रक्रिया शुरू करती है, तो यह एक ऐतिहासिक कदम होगा।”