ग्वालियर-भिंड हाईवे पर मौतों का सिलसिला जारी, शांतिपूर्ण धरना हटाकर सरकार ने जनता की आवाज़ दबाई!

पुखराज भटेले, व्यवस्था परिवर्तन संस्था

क्या सरकार हाईवे के खतरों को अनदेखा कर रही है?

ग्वालियर-भिंड हाईवे, जो कभी विकास की पहचान था, अब “मौत का कुंआ” बन चुका है। हर दिन यहां 3-4 लोग दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा रहे हैं, लेकिन प्रशासन की कान पर जूं तक नहीं रेंग रही! जब जनता ने सरकार से जवाब मांगने की कोशिश की, तो शांतिपूर्ण धरना जबरन हटा दिया गया!

जनता के सवाल, सरकार के लिए असहज?

क्या हाईवे पर हो रही मौतें सिर्फ आंकड़े भर हैं?
क्या सरकार भ्रष्ट अधिकारियों और ठेकेदारों पर कार्रवाई करने से डर रही है?
क्या अब लोकतंत्र में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना भी अपराध बन गया है?

टेंट हटाना – लोकतंत्र का गला घोंटना!

पार्षद दीपक शर्मा के नेतृत्व में जनता ने हाईवे की बदहाली के खिलाफ शांतिपूर्ण धरना दिया, लेकिन सरकार ने दमनकारी रवैया अपनाते हुए टेंट हटा दिया। यह साफ दिखाता है कि सत्ता में बैठे लोग अब जनता की आवाज़ सुनने तक को तैयार नहीं हैं!

ग्वालियर-भिंड हाईवे: कब रुकेगा मौत का खेल?

हर दिन दुर्घटनाओं में निर्दोष लोग जान गंवा रहे हैं।
बजट पास होने के बावजूद सड़क सुधार का काम अधूरा।
भ्रष्टाचार के कारण हाईवे की हालत बद से बदतर।
जनता जब जवाब मांगती है, तो प्रशासन उसे दबाने में लग जाता है।

जनता की चेतावनी – अब होगा आर-पार!

जिला स्तर पर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन होंगे।
हर गांव-हर शहर में जनसभाएं आयोजित होंगी।
सोशल मीडिया पर सरकार के रवैये के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।
ज़रूरत पड़ी, तो न्यायालय तक संघर्ष जारी रहेगा।

सरकार को अब जवाब देना होगा!

“अब और मौतें नहीं!”
“अब और खामोशी नहीं!”
“अब जनता फैसला करेगी!”

Exit mobile version