
जन्मदिन और एनिवर्सरी के नाम पर जानलेवा पायरो शो, प्रशासन की अनदेखी
भोपाल। राजधानी भोपाल के बड़े क्लब संचालक इन दिनों लोगों की जिंदगी और मौत से खुला खिलवाड़ कर रहे हैं। शहर के बिट्टन मार्केट, गुलमोहर और होशंगाबाद रोड स्थित नामी नाइट क्लबों में हर रात जन्मदिन और एनिवर्सरी सेलिब्रेशन के नाम पर टेबलों के बीचों-बीच इलेक्ट्रिक फायर पायरो जलाए जा रहे हैं, जो कभी भी बड़े हादसे में तब्दील हो सकते हैं।
मिड नाइट कैफे में टला बड़ा हादसा
दो दिन पहले होशंगाबाद रोड स्थित मिड नाइट कैफे में पायरो जलाने के दौरान बड़ा हादसा होते-होते बचा। इस दौरान क्लब के भीतर मौजूद लोग कुछ सेकंड के लिए दहशत में आ गए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि किस तरह बंद हॉल के अंदर भीड़ के बीच पायरो जलाया जा रहा है।
स्टेटस सिंबल बना साइलेंट किलर
आज की नाइटलाइफ में इलेक्ट्रिक फायर पायरो को स्टेटस सिंबल बना दिया गया है, लेकिन असलियत में यह एक साइलेंट किलर है। विशेषज्ञों के अनुसार यह डिवाइस सीधे क्लब की मुख्य पावर लाइन से जुड़ी होती है। शॉर्ट सर्किट और वोल्टेज फ्लक्चुएशन से भीषण आग का कारण बन सकती है।
बंद AC हॉल में ऑक्सीजन का खतरा
अधिकांश क्लब बंद और एयर-कंडीशन्ड हॉल में संचालित होते हैं। ऐसे में लगातार पायरो जलने सेnधुएं के कारण ऑक्सीजन का स्तर गिरता है, दम घुटने और बेहोशी का खतरा बढ़ता है।
क्षमता से दोगुनी भीड़, भगदड़ का बड़ा खतरा
भोपाल के कई क्लब अपनी तय क्षमता से दोगुने से ज्यादा लोगों को अंदर भर लेते हैं।
अगर पायरो से एक भी चिंगारी भड़क गई, तो आग से पहले भगदड़ में मौतें होंगी। संकरी एंट्री-एग्जिट के कारण हालात बेकाबू हो सकते हैं।
गोवा हादसे की डरावनी मिसाल
इसी तरह के पायरो शो के बाद गोवा के रोमियो लेन क्लब में हुए भीषण हादसे में करीब 500 लोग जिंदा जल गए थे। यह घटना साफ चेतावनी है कि लापरवाही कितनी घातक हो सकती है।
सवालों के घेरे में प्रशासन
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इन क्लबों के पास फायर एनओसी है?
क्या पायरो शो की अनुमति ली जाती है?
क्या फायर सेफ्टी और आपदा प्रबंधन के मानक पूरे किए जा रहे हैं?



