
नहीं होंगे नामांकन, बंटवारे के कार्य
न्यायिक और गैर न्यायिक कार्य के विभाजन से हैं नाराज
प्रदेश में 1200 तहसीलदार के पद हैं, 250 पद खाली
486 को गैरन्यायिक की जवाबदारी, न्यायालयीन कार्य हो रहे हैं प्रभावित
भोपाल । राजधानी सहित पूरे प्रदेश में आज से तहसीलदार नायब तहसीलदार ने हड़ताल शुरू कर दी है। यह हड़ताल प्रदेश सरकार के द्वारा न्यायिक और गैर न्यायिक कार्य के विभाजन को लेकर की गई। प्रदेश में पदस्थ 950 नायब तहसीलदार और तहसीलदार पदस्थ है जिनमें से 476 को गैर न्यायिक का कार्यभार दे दिया है, जिसके आदेश 22 जुलाई का सरकार के द्वारा किए गए थे। इस आदेश से न्यायालय के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। और पेंडेंसी होने से कार्य का दबाव बढ़ता जाता है। इसी तरह की समस्याओं को लेकर यह हडताल की जा रही है। मध्यप्रदेश में तहसीलदार और नायब तहसीलदार आज से विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान तहसीलदार शासकीय कार्य नहीं करेंगे, सिर्फ आपदा प्रबंधन से जुड़े काम करेंगे। तहसीलदार शासन द्वारा न्यायिक और गैर न्यायिक कार्यों के विभाजन से नाराज हैं आज से पूरी तरह से कार्य बंद कर दिया है । इस हड़तान के दौरान आकस्मिक कार्य ही किए जाएंगे। प्रदेश के तहसीलदार सरकार को वाहन भी लौटाएंगे। राजस्व अधिकारी संघ के इस निर्णय से किसानों और आमजनों के जमीन के नामांकन, बंटवारा के आज से बंद हो गए हैं।
गैर न्यायिक के लिए सभी को क्रम से दे जिम्मेदारी
तसहीलदार और नायब तहसीलदार की समस्या कार्य विभाजन को लेकर है। सरकार को न्यायिक और गैर न्यायिक के कार्य में एक ही अधिकारी को कार्य देने से जवाबबारी बढ़ती जा रही है । सभी तहसीलदारों को गैर न्यायिक की जिम्मेदारी एक दिन निर्धारित करके दी जाना चाहिए जिससे न्यायिक कार्य प्रभावित ना हों।
छोटी तहसीलों में गैर नयायिक की जरुरत नहीं
राजधानी सहित बड़े शहरों मे तो गैर न्यायिक के लिए अलग से जवाबदारी देना तो उचित है लेकिन छोटी तहसीलों में इसकी आवश्यकता नही है। क्योंकि वहां पर प्रोटोकोल कीआवश्यकता नहीं होती है वहां पर ना ही किसी मंत्री का दौरा होता है और ना ही कोई व्हीआईपी मूवमेंट।
गैर न्यायिक से ढेरों जवाबदारी
बतया जाता है कि अधिकतर तहसीलदार और नायब तहसीलदार राजस्व के कार्य के अलावा दूसरे कार्यों को जवाबदारी से परेशान रहते हैं। जैसे सरकार द्वरा कभी भी फरमान आ जाते हैं कि कभी पशुओं की गणना करो, कभी पेड़ों की गणना करो कभी स्कूलों का सर्वेक्षण करो । जबकि यह सब जवाबदारी संबंधित विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की होनी चाहिए। जो कि नहीं दी जाती है। वहीं प्रोटोकाल के लिए भी जिले व तहसील में संबंधित विभाग के कर्मचारियेां और अधिकारियों को दी जाना चाहिए। लेकिन इन सभी कार्यां की जवाबदारी भी तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की दी जाती है।
1200 तहसीलदार के पद हैं, 250 पद खाली
प्रदेश में लगभग 1200 तहसीलदार के पद हैं, ङ्क्षजनमें से 250 पद खाली पद आज तक खाली हैं । वर्तमान में 950 तहसीलों में पदस्थ है। इस वजह से अधिकतर तहसीलों में एक अधिकारी पर दो से तीन हल्कों के प्रभार है। तो पहले से ही कार्य का दबाव रहता है। एैसी स्थिति में 476 तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को गैर न्यायिक कार्य की जिम्मेदारी दी गई है। जहां पहले से ही तहसीलदारों की कमी है और उसमें से आधों को न्यायिक कार्य से मुक्त कर गैर न्यायिक की जवाबदारी के लिए पदस्थ कर दिया है। तो सभी तहसीलों में कार्य प्रभावित हो रहे है। इन्हीं कारणों से नामांतरण, बटवारे, जाति प्रमाण पप्त्र सहित अन्य कार्य समय पर नहीं हो पा रहे हैँ। वहीं सरकार के समय सीमा की भी तलवार लटकी रहती है।
भूअभिलेख में मिली पदस्थापना, कार्य सभी विभागों के
तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की नियुक्त भू अभिलेख के लिए की गई है जिसका काम सिर्फ जमीनों के कार्यकरना है चाहे बटवारा हो या भूमि का रिकार्ड हो । लेकिन उनकों मूल कार्य के साथ ही अन्य कार्य भी दिए जाते हैं जिससे उनको मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।


